पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) ने राज्यमंत्री अखिल गिरि द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी पर की गई अपमानजनक टिप्पणी पर चुप्पी तोड़ते हुए अपनी ओर से माफ़ी मांगी है। उन्होंने राज्य सचिवालय, नबन्ना में मीडियाकर्मियों से कहा, "राष्ट्रपति एक बहुत अच्छी महिला हैं। अखिल गिरि ने जो कहा, मैं उसकी कड़ी निंदा करती हूं। अखिल गलत थे। मैं विधायक की ओर से व्यक्तिगत रूप से माफी मांगती हूं। पूरे मामले पर मुझे खेद है। मैं और हमारी पार्टी राष्ट्रपति के लिए बहुत सम्मान करती है। मैं व्यक्तिगत रूप से उन्हें बहुत पसंद करती हूं।"
अखिल गिरि के बयान की पूरे देश में तीखी आलोचना हुई। तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) ने गिरि के बयान की निंदा करते हुए एक बयान जारी किया, लेकिन इससे बढ़ती आलोचना शांत नहीं हुई। मामले में राज्यमंत्री के खिलाफ पश्चिम बंगाल के साथ-साथ नई दिल्ली (Delhi) में भी प्राथमिकी दर्ज की गई। इस मामले में मुख्यमंत्री की चुप्पी को लेकर भाजपा (BJP) की राज्य इकाई विशेष रूप से आलोचनात्मक थी। हालांकि, सोमवार दोपहर बाद ममता ने आखिरकार अपना रुख साफ कर दिया।
उन्होंने कहा कि इस मामले में गिरि को आगाह किया गया है। पार्टी एक ही अपराध को दोहराने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगी। एक इंसान को दिल से सुंदर होना चाहिए। अगर कोई गलत है, तो हम उसका समर्थन नहीं करते हैं। साथ ही मुख्यमंत्री ने यह भी याद दिलाया कि जिस भाषा में भाजपा नेता अकसर तृणमूल नेताओं पर हमले कर रहे हैं, वह भी स्वीकार्य नहीं है।
ममता ने पूछा, "क्या किसी के लिए किसी को कौवा के रूप में वर्णित करना या किसी को अपने जूते के नीचे रखने की बात कहना उचित है?" वह परोक्ष रूप से पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी की एक टिप्पणी का जिक्र कर रही थीं, जिन्होंने कहा था कि आदिवासी विकास राज्यमंत्री, बीरबाहा हंसदा, जो एक आदिवासी पृष्ठभूमि से आते हैं, जूते के नीचे रहने लायक हैं।
आईएएनएस/RS