किस आधार पर नामांकन पत्र को किया जाता है रद्द ? जानिए क्या है प्रस्तावक की भूमिका
On what basis the nomination of a candidate rejected: लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 102 सीटों के लिए मतदान 19 अप्रैल को हो चुका है। दूसरे चरण का मतदान 26 अप्रैल को होगा। लेकिन गुजरात के सूरत सीट पर एक चौंकाने वाली घटना हुई है। सूरत में कांग्रेस के उम्मीदवार नीलेश कुंभानी का नामांकन पत्र खारिज कर दिया गया। नीलेश कुंभानी का नामांकन इस आधार पर रद्द किया कि उनके प्रस्तावकों ने दावा किया था कि उन्हें ऐसा करने के लिए मजबूर किया गया था। कुंभानी का नामांकन रद्द होने के बाद पार्टी के वैकल्पिक उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल करने वाले सुरेश पडसाला का नामांकन पत्र भी रद्द कर दिया गया था। आपको बता दें नामांकन पत्र रद्द करने के पीछे कई कारण होते हैं, आइए जानते हैं कि सबसे पहले क्या होती है नामांकन की प्रक्रिया।
देनी पड़ती है हर एक जानकारी
नामांकन पत्र भरते समय हर उम्मीदवार को अपनी आय-व्यय की जानकारी सार्वजनिक करनी होती है। शैक्षिक योग्यता के साथ पासपोर्ट साइज की फोटो, आधार कार्ड, पैन कार्ड, मूल निवास और जाति प्रमाण पत्र की फोटोकॉपी साथ में लगानी होती है। इसके अलावा उम्मीदवार को नामांकन पत्र में ही अपनी चल-अचल संपत्ति, जैसे गहने और जमीन, कर्ज की जानकारी भी देनी होती है। वे शादीशुदा हैं तो पत्नी और यदि बच्चे हैं तो उनकी भी आय-व्यय, जेवर-जमीन और कर्ज आदि की हर एक जानकारी देनी पड़ती है। कोर्ट में कोई केस चल रहा है और या किसी केस में सजा हुई है, तो इसकी जानकारी भी शपथ पत्र के जरिए देनी पड़ती है।
सभी नामांकन पत्रों की होती है पड़ताल
एक बार नामांकन पत्र दाखिल कर दिया जाता है तो चुनाव आयोग उम्मीदवार के सभी दस्तावेजों की जांच करता है। नामांकन के बाद चुनाव आयोग की तरफ से तय तारीख तक प्रत्याशी चुनाव से अपना नाम वापस भी ले सकता है। चुनाव आयोग का कहना है कि नामांकन पत्र को ठीक ढंग से भरा जाना चाहिए। इसमें कुछ भी गलती निकलती है तो ऐसे नामांकन पत्र अवैध माने जाते हैं और उम्मीदवारी निरस्त कर दी जाती है। इसके साथ ही नामांकन पत्र के साथ लगाए गए दूसरे दस्तावेज भी सही होने चाहिए नहीं तो रद्द कर दिए जाएंगे।
यहां क्या है प्रस्तावक की भूमिका
यदि कोई उम्मीदवार किसी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहा है, तो निर्वाचन क्षेत्र के एक मतदाता को उनकी उम्मीदवारी का प्रस्ताव देना आवश्यक है। यदि उम्मीदवार एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में या किसी पंजीकृत लेकिन गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल द्वारा नामित उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहा है, तो निर्वाचन क्षेत्र के दस मतदाताओं को प्रस्तावक के रूप में नामांकन पत्र पर हस्ताक्षर करना होगा।