Sanjana Jatav : राजस्थान में कांग्रेस ने इस बार अच्छा प्रदर्शन करते हुए 8 सीटें जीत ली हैं। इन आठ में से एक भरतपुर सीट की खास चर्चा हो रही है और उसकी वजह है यहां से संजना जाटव राजस्थान की सबसे युवा सांसद बनी हैं। उनकी उम्र महज 26 वर्ष है। सामान्य परिवार से आने वाली संजना ने बीजेपी के प्रत्याशी को 51 हजार से अधिक वोटों से मात दी है। संजना बताती हैं कि उनके लिए भरतपुर में चुनाव चुनौतिपूर्ण था लेकिन जनता के सहयोग के कारण उन्हें जीत हासिल हुई।
एक मई 1998 को संजना जाटव का जन्म भरतपुर ज़िले की वैर विधानसभा क्षेत्र में भुसावर के एक गांव में हुआ। सामान्य परिवार में जन्मीं संजना की बारहवीं पास होने के बाद ही साल 2016 में भरतपुर सीमा से सटे अलवर ज़िले के समूची गांव में शादी हो गई। शादी के समय से ही उनके पति कप्तान सिंह राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल पद पर कार्यरत हैं। शादी के बाद उहोंने अपना ग्रेजुएशन पूरा किया। ससुराल में संयुक्त परिवार में रह रहीं 26 साल की संजना जाटव एक पत्नी, बहू और दो बच्चों की मां की ज़िम्मेदारी निभा रही हैं।
गांव के दो मंज़िला बने घर के पास ही उनका एक और घर है। वह किचन में बर्तन साफ़ करते हुए कहती हैं, "शादी के दो साल बाद बेटे का जन्म हुआ अब छह साल का है और एक चार साल की बेटी है।" राजनीति में समय देने के दौरान सासु मां ही बच्चों की देखभाल करती हैं। मैं घर का भी काम करती हूं और राजनीति को भी समय देती हूं।” उन से सवाल किया गया कि अब उन्हें दिल्ली भी जाना होगा तो वह भरतपुर में बच्चों और परिवार के लिए कैसे समय दे पाएंगी? इस सवाल पर संजना कहती हैं, "मैं दिल्ली रहूंगी तो दिल्ली के काम करूंगी, भरतपुर में रहने पर वहां और घर पर बच्चों और परिवार के लिए भी समय दूंगी।"
उन्होंने आगे बताया कि वह राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा और प्रियंका गांधी के 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' अभियान से जुड़ी। कांग्रेस ने बीते विधानसभा चुनाव में अलवर की कठूमर सीट से चार बार के विधायक बाबूलाल बैरवा का टिकट काट कर संजना जाटव पर भरोसा किया। लेकिन, वह महज़ 409 वोट से चुनाव हार गईं। भरतपुर की जीत को कितनी बड़ी मानती हैं। इस सवाल पर कहती हैं, "मेरे लिए तो बहुत बड़ी जीत है, बीता विधानसभा चुनाव लड़ा और सिर्फ़ 409 वोट से हार गई तो मुझे पता है कि हर एक वोट की अहमियत होती है।" वो आगे कहती हैं, "विधानसभा की हार के सदमे से मेरे पिता का देहांत हो गया।”
कहा जा रहा है कि कम उम्र और राजनीति का ज़्यादा अनुभव नहीं होने के कारण उन्हें भरतपुर के विकास में बाधाएं भी आएंगी। लेकिन संजना जाटव विश्वास से कहती हैं कि, "मैं भरतपुर को विकास की नई दिशा दूंगी।" गांव में ही एक दुकान पर वह बातचीत में कहते हैं, "वह राजनीति में तो पहले से ही हैं। परिषद सदस्य भी रही हैं, विधानसभा भी लड़ा है तो उनका ज्ञान अच्छा है। जनता का समर्थन भी है और हम उम्मीद करते हैं कि वह अच्छा विकास करें। किसान, बिजली-पानी की समस्या दूर होनी चाहिए। गरीबों को मकान नहीं मिले हैं उन्हें मकान मिलें हम चाहते हैं।"