सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की आज है 73वीं पुण्यतिथि

अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने में काफी समय लगा। उन्होंने 22 साल की उम्र में 10वीं की परीक्षा पास की।
Sardar Vallabhbhai Patel - भारत के लौह पुरुष और देश के पहले उप-प्रधानमंत्री और गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की आज 73वीं पुण्यतिथि है।(Wikimedia Commons)
Sardar Vallabhbhai Patel - भारत के लौह पुरुष और देश के पहले उप-प्रधानमंत्री और गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की आज 73वीं पुण्यतिथि है।(Wikimedia Commons)

Sardar Vallabhbhai Patel - भारत के लौह पुरुष और देश के पहले उप-प्रधानमंत्री और गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की आज 73वीं पुण्यतिथि है। भारतीय स्वतंत्रता राष्ट्रवादी और बैरिस्टर जिन्होंने पहले उप प्रधान मंत्री और गृह मंत्री के रूप में भारत में 1947 से 1950 तक कार्य किया। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता थे, जिन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई उनका जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के खेड़ा में हुआ था। उन्होंने अपनी आखिरी सांस 15 दिसंबर 1950 को मुंबई में ली। देश की आजादी में सरदार पटेल का जितना योगदान था, उससे कहीं ज्यादा योगदान उन्होंने आजाद भारत को एक करने में किया।

15 अगस्त 1947 को जब देश आजाद हुआ, तब देश में छोटी-बड़ी 562 रियासतें थीं। इनमें से कई रियासतों ने तो आजाद रहने का ही फैसला कर लिया था, लेकिन सरदार पटेल ने इन सबको देश में मिलाया यदि ऐसा नहीं होता तो भारत का मानचित्र कुछ अलग होता।

भोपाल के नवाब ने मानी हार

आजादी के बाद जब हैदराबाद और जूनागढ़ ने भारत में मिलने से मना कर दिया। जूनागढ़ में जनता के विद्रोह से घबराकर वहां का नवाब भागकर पाकिस्तान चला गया। इसी तरह भोपाल के नवाब हमीदुल्ला खान ने भी शर्त रख दी कि वो या तो आजाद रहेंगे या पाकिस्तान में मिल जाएंगे। इसके बाद सरदार पटेल की वजह से ही भोपाल के नवाब ने हार मान ली। 1 जून 1949 को भोपाल भारत का हिस्सा बन गया।

22 साल की उम्र में थे 10वी में

सरदार पटेल को अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने में काफी समय लगा। उन्होंने 22 साल की उम्र में 10वीं की परीक्षा पास की। सरदार पटेल का सपना वकील बनने का था और अपने इस सपने को पूरा करने के लिए उन्हें इंग्लैंड जाना था।

 महात्मा गांधी की इच्छा का सम्मान करते हुए प्रधानमंत्री पद से पीछे हट गए।(Wikimedia Commons)
महात्मा गांधी की इच्छा का सम्मान करते हुए प्रधानमंत्री पद से पीछे हट गए।(Wikimedia Commons)

बनते पहले प्रधानमंत्री

सरदार वल्लभभाई पटेल देश के पहले प्रधानमंत्री होते। वे महात्मा गांधी की इच्छा का सम्मान करते हुए इस पद से पीछे हट गए और नेहरू जी को देश का पहले प्रधानमंत्री बनने दिया।

किराए के मकान ने रहते थे

सरदार पटेल का खुद का मकान भी नहीं था। वे अहमदाबाद में किराए के एक मकान में रहते थे। 15 दिसंबर 1950 में मुंबई में जब उनका निधन हुआ, तब उनके बैंक खाते में सिर्फ 260 रुपए मौजूद थे।

 देश की आजादी में सरदार पटेल का जितना योगदान था, उससे कहीं ज्यादा योगदान उन्होंने आजाद भारत को एक करने में किया।(Wikimedia Commons)
देश की आजादी में सरदार पटेल का जितना योगदान था, उससे कहीं ज्यादा योगदान उन्होंने आजाद भारत को एक करने में किया।(Wikimedia Commons)

16 साल में ही हो गया था विवाह

सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के नडियाद में एक किसान परिवार में हुआ था। वह अपने माता-पिता की चौथी संतान थे। उनका विवाह 16 साल की उम्र में हो गया था। वे जब 33 वर्ष के ही थी जब उनकी पत्नी का देहांत हो गया।

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