ग्रेटर हैदराबाद के राचकोंडा कमिश्नरेट में अपराध दर 15.4% बढ़ी

राचकोंडा पुलिस कमिश्नरेट में 2025 में अपराध दर 15.4% बढ़ी, मामले 28,626 से बढ़कर 30,040 हो गए।
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राचकोंडा पुलिस कमिश्नरेट में 2025 के दौरान अपराध दर में 15.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई।IANS
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सोमवार को राचकोंडा पुलिस आयुक्त जी. सुधीर बाबू द्वारा जारी वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, शारीरिक एवं अन्य अपराधों के मामलों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। ये मामले 2024 में 22,357 से बढ़कर 2025 में 27,342 हो गए। इसी तरह अपहरण के मामलों में भी इजाफा हुआ है, जो 463 से बढ़कर 579 हो गए।

हालांकि संपत्ति से जुड़े अपराधों जैसे डकैती, घरों में सेंधमारी और वाहन चोरी में कमी दर्ज की गई है।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि महिलाओं के खिलाफ कुल अपराधों में चार प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। हालांकि दहेज हत्या, दहेज मृत्यु, आत्महत्या के लिए उकसाना, घरेलू हिंसा और बलात्कार जैसे अपराधों में 25 प्रतिशत की गिरावट आई है। इसके विपरीत, अपहरण, छेड़छाड़ और पोक्सो अधिनियम के तहत दर्ज मामलों में 52 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।

साइबर अपराध के मामलों में वर्ष 2025 में करीब 19 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई। 2024 में जहां 4,618 साइबर अपराध (Crime) मामले सामने आए थे, वहीं 2025 में यह संख्या घटकर 3,734 रह गई। निवेश धोखाधड़ी, पार्ट-टाइम जॉब स्कैम, अनधिकृत लेन-देन, एपीके फाइल फ्रॉड और डिजिटल अरेस्ट स्कैम साइबर अपराधों के प्रमुख मामले रहे।

पुलिस ने साइबर ठगी (Cyber Fraud) के पीड़ितों को वर्ष के दौरान 40.10 करोड़ रुपये की राशि वापस दिलाई। साथ ही, 955 साइबर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनसे एक लाख से अधिक लोगों को जागरूक किया गया।

नशीले पदार्थों के खिलाफ कार्रवाई में पुलिस ने करीब 20 करोड़ रुपये के ड्रग्स जब्त किए, जिनमें 2,090 किलोग्राम गांजा शामिल है। एनडीपीएस एक्ट (NDPS Act) के तहत 256 मामले दर्ज किए गए और 668 आरोपियों को गिरफ्तार (Arrest) किया गया।

सड़क दुर्घटनाओं के मामलों में भी वृद्धि हुई है। 2024 में जहां 3,207 दुर्घटनाएं हुई थीं, वहीं 2025 में यह संख्या बढ़कर 3,488 हो गई। दुर्घटनाओं में मौतों की संख्या 653 से बढ़कर 659 हो गई। आउटर रिंग रोड (ओआरआर) पर दुर्घटनाएं 52 से बढ़कर 76 हो गईं, जबकि मौतों की संख्या 31 से बढ़कर 80 हो गई।

पुलिस आयुक्त ने बताया कि इस वर्ष की पुलिसिंग रणनीति ‘वीक्यूटी सिद्धांत’ विजिबल प्रेजेंस (दिखाई देने वाली मौजूदगी), क्विक रिस्पॉन्स (त्वरित प्रतिक्रिया) और टेक्नोलॉजी आधारित पहल पर आधारित रही।

उन्होंने कहा, “5,122 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र और 64 लाख की आबादी वाले इस कमिश्नरेट में हमने यह साबित किया है कि प्रभावी और मानवीय पुलिसिंग, बड़े पैमाने और जटिलताओं के बावजूद संभव है।”

उन्होंने आगे कहा कि सख्त कानून प्रवर्तन और नागरिक-केंद्रित दृष्टिकोण इस वर्ष की सफलता के दो प्रमुख स्तंभ रहे। वर्ष 2025 में 33,040 मामलों का पंजीकरण हुआ और 25,643 मामलों (78 प्रतिशत) का निपटारा किया गया, जो समयबद्ध न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

[AK]

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