केंद्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रा (Ministry of New & Renewable Energy) 2030 तक 500 गीगावॉट गैर-जीवाश्म के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में काम कर रहा है। इस लक्ष्य में रूफटॉप सौर ऊर्जा (Rooftop Solar Power) प्रमुख भूमिका निभाएगा। इसके लिए 100 भारतीय कस्बों और शहरों को, विशेष रूप से दूसरे और तीसरे श्रेणी के शहरों में Rooftop Solar Power के बारे में जागरूकता फैलाई जा रही है। केंद्र सरकार का मानना है कि लक्ष्य को हासिल करने में दूसरे और तीसरे श्रेणी के शहर अपनी अधिकतम क्षमता का प्रदर्शन करेंगे। नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRI) घरों में सोलर लगाने के लिए 40 फीसदी सब्सिडी प्रदान कर रहा है।
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा राज्यमंत्री भगवंत खुबा (Bhagwanth Khuba) ने अखिल भारतीय रूफटॉप सौर जागरूकता अभियान शुरू किया है। उन्होंने कहा कि लोगों की भागीदारी के बिना कोई भी बड़ा काम सफल नहीं हो सकता। रूफटॉप सौर कार्यक्रम (Rooftop Solar Power Program) आम व्यक्ति को ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन की दिशा में अपना योगदान देने का एक अवसर प्रदान करता है।
उन्होंने बताया कि इस अभियान का नाम 'घर के ऊपर, सोलर इज सुपर' है। इसका उद्देश्य स्थानीय सरकार, नागरिकों, आरडब्ल्यूए और नगर पालिकाओं को सौर रूफटॉप के बारे में जागरुकता फैलाने के लिए एकजुट करना है। खुबा ने भारत में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के विकास के बारे में बात की और प्रधानमंत्री मोदी के निर्धारित पंचामृत लक्ष्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनका मंत्रालय 2030 तक 500 गीगावॉट गैर-जीवाश्म के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में काम कर रहा है।
उन्होंने कहा कि Rooftop Solar Power प्रमुख भूमिका निभाएगा और इस लक्ष्य को हासिल करने में दूसरे और तीसरे श्रेणी के शहर अपनी अधिकतम क्षमता का प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि अकेले कर्नाटक में 1 गीगावाट Rooftop Solar Power की क्षमता है। खुबा ने बताया कि उनका नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) घरों में सोलर लगाने के लिए 40 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान कर रहा है। इसलिए उन्होंने जनता से, केंद्र सरकार से सब्सिडी का उपयोग करके छत पर सौर प्रणाली स्थापित करने का आग्रह किया। खुबा ने कहा कि उन्होंने बीदर स्थित अपने आवास पर रूफटॉप सोलर लगाने का आदेश दिया है।
इस योजना में कर्नाटक जैसे राज्यों में किसानों को केंद्र और राज्य प्रत्येक द्वारा सौर पंप स्थापित करने के लिए 30 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी। जर्मन सौर संघ (BSW) और जर्मनी के आर्थिक सहयोग और विकास मंत्रालय (BMZ) के सहयोग से एनएसईएफआई सिक्वा केवीपी कार्यक्रम के तहत सौर ऊर्जा के बारे में जागरुकता बढ़ाने के उद्देश्य से तीन साल चलने वाला अखिल भारतीय रूफटॉप जागरूकता कार्यक्रम शुरू कर रहा है। इसका लक्ष्य 100 भारतीय कस्बों और शहरों को, विशेष रूप से दूसरे और तीसरे श्रेणी के शहरों में Rooftop Solar Power के बारे में जागरूकता फैलाना है।
(आईएएनएस/PS)