

जम्मू और कश्मीर (Jammu and Kashmir) में पहले भी तैनात सेना और सुरक्षा बलों की जान गलती से गोली चलने के कारण गई है। काउंसलरों ने तैनात बलों में सतर्कता की कमी के मुख्य कारणों के रूप में मुश्किल हालात में लंबे समय तक ड्यूटी, परिवारों से दूरी और तैनात इलाकों में मनोरंजन की कमी को बताया है।
परिवारों से मिलने के लिए समय-समय पर छुट्टी, बैरक और हेडक्वार्टर में मनोरंजन के साधन, बेहतर कमांड और कंट्रोल स्ट्रक्चर कुछ ऐसे उपाय हैं जो मुश्किल माहौल में ड्यूटी कर रहे तैनात बलों में लगातार सतर्कता बनाए रखने के लिए सुझाए गए हैं।
ऊंचाई वाले इलाकों में तैनात सैनिक, जहां भारी बर्फबारी से हिमस्खलन और अन्य मौसम संबंधी आपदाएं आती हैं, इससे सैनिकों के रहने की स्थिति भी प्रभावित होती है।
सेना के बंकर कभी-कभी इन हिमस्खलनों और बर्फीले तूफानों की चपेट में आ जाते हैं, जिससे अप्रत्याशित नुकसान होता है। देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले तैनात सैनिकों की बहादुरी और प्रतिबद्धता देश के लिए गर्व की बात है। देश के ये प्रहरी यह सुनिश्चित करने के लिए रातों की नींद हराम करते हैं कि उनके देशवासियों को शांति और सुरक्षा मिले।
सियाचिन ग्लेशियर (Siachen Glacier) को दुनिया का सबसे ऊंचा युद्धक्षेत्र कहा जाता है। यह ग्लेशियर काराकोरम के बड़े ग्लेशियर वाले हिस्से में यूरेशियन प्लेट को भारतीय उपमहाद्वीप से अलग करने वाली बड़ी जल विभाजक रेखा के ठीक दक्षिण में स्थित है, जिसे कभी-कभी 'तीसरा ध्रुव' भी कहा जाता है।
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