केंद्र सरकार द्वारा घोषित 'अग्निपथ' (Agneepath) सैन्य भर्ती योजना को लेकर देश के कई हिस्सों में हो रहे विरोध प्रदर्शनों पर भारी पड़ते हुए कर्नाटक (Karnataka) के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने शुक्रवार को कहा कि इन 'अग्निवीर' (Agniveer) सैनिकों को प्रशिक्षण पूरा करने के बाद राज्य पुलिस में भर्ती किया जाएगा। ज्ञानेंद्र ने संवाददाताओं से कहा, "हमने योजना बनाई है कि ऐसे 4 साल के सैन्य प्रशिक्षुओं को पुलिस में भर्ती किया जा सकता है।"
भाजपा शासित मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश ने Agneepath Scheme के विरोध के बीच इसी तरह के कदमों की घोषणा की है।
बेरोजगारी युवाओं को सिर्फ 5,000 रुपये में नौकरी करने के लिए मजबूर करने वाला एक ज्वलंत मुद्दा है। ज्ञानेंद्र ने कहा कि 'अग्निपथ' योजना से लाखों उम्मीदवारों को लाभ होगा। उन्होंने कहा, "सैन्य सेवा के बाद, उन्हें पुलिस और सुरक्षा प्रतिष्ठानों में सेवा के लिए चुना जा सकता है। लोग किस आधार पर विरोध कर रहे हैं? मुझे समझ नहीं आ रहा है।"
ज्ञानेंद्र ने कहा, "हमारे समाज में कुछ वर्ग ऐसे हैं जो किसी भी बदलाव की अनुमति नहीं देंगे। अग्निपथ एक नई योजना है जिसे केंद्र ने केवल घोषित किया है। इसे लागू भी नहीं किया गया है। यह एक बहुत अच्छी योजना है।"
मंत्री ने कहा, "इजरायल जैसे देशों में युवाओं के लिए सैन्य प्रशिक्षण अनिवार्य है। यहां सरकार 30,000 रुपये से 40,000 रुपये के वेतन के साथ चार साल के लिए सैन्य प्रशिक्षण देना चाहती है। उसके बाद उन्हें 12-13 लाख रुपये की एकमुश्त राशि दी जाएगी। उनमें से 25 प्रतिशत को सेना में रखा जाएगा।"
शुक्रवार को पड़ोसी राज्य तेलंगाना के सिकंदराबाद में विरोध प्रदर्शनों के बावजूद भाजपा शासित कर्नाटक शांतिपूर्ण रहा।
(आईएएनएस/PS)