तृणमूल कांग्रेस हैं देश की दूसरी सबसे अमीर पार्टी, जानिए कौन हैं पहले नंबर पर

हालांकि, कुल आय के चुनावी बॉन्ड से होने वाली आय के प्रतिशत के मामले में, तृणमूल कांग्रेस दूसरे स्थान पर भाजपा को पीछे छोड़ते हुए पहले स्थान पर आ गई है।
तृणमूल कांग्रेस हैं देश की दूसरी सबसे अमीर पार्टी (ians)

तृणमूल कांग्रेस हैं देश की दूसरी सबसे अमीर पार्टी (ians)

भाजपा

न्यूजग्राम हिंदी: वित्तीय वर्ष 2021-22 में आय के मामले में भाजपा (BJP) के बाद तृणमूल कांग्रेस दूसरी सबसे अमीर पार्टी बनकर उभरी है। एक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है। समीक्षाधीन वित्तीय वर्ष के दौरान विभिन्न राजनीतिक दलों की आय पर एसोसिएशन ऑफ डेमोकेट्रिक रिफॉर्म्स (एडीआर) द्वारा तैयार की गई एक रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा 1,917 करोड़ रुपये के साथ सबसे अधिक आय अर्जित करने वाली पार्टी बनी रही, जबकि तृणमूल कांग्रेस इस गिनती में 545.75 करोड़ रुपये के साथ दूसरे स्थान पर है। कांग्रेस 541.27 करोड़ रुपये के साथ तीसरे स्थान पर आ गई है।

हालांकि, कुल आय के चुनावी बॉन्ड से होने वाली आय के प्रतिशत के मामले में, तृणमूल कांग्रेस दूसरे स्थान पर भाजपा को पीछे छोड़ते हुए पहले स्थान पर आ गई है।

<div class="paragraphs"><p>तृणमूल कांग्रेस हैं देश की दूसरी सबसे अमीर पार्टी (ians)</p></div>
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एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार, 2021-22 के दौरान तृणमूल कांग्रेस की आय का लगभग 97 (96.77) प्रतिशत इलेक्टोरल बॉन्ड से आया है। बीजेपी के मामले में, चुनावी बांड समीक्षाधीन वित्तीय वर्ष के दौरान उनकी कुल आय का सिर्फ 54 प्रतिशत योगदान करते हैं।

खर्च की बात करें तो जहां तृणमूल कांग्रेस ने समीक्षाधीन वित्त वर्ष के दौरान अपनी कुल आय का 49.17 प्रतिशत खर्च किया, वहीं इसी अवधि में भाजपा के लिए यह आंकड़ा 44.57 प्रतिशत है। समीक्षाधीन वित्तीय वर्ष के दौरान कांग्रेस ने अपने व्यय का लगभग 74 (73.98) प्रतिशत खर्च कर दिया।

<div class="paragraphs"><p>चुनावी बांड सिस्टम तत्कालीन केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा शुरू किया गया था (Wikimedia Commons)</p></div>

चुनावी बांड सिस्टम तत्कालीन केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा शुरू किया गया था (Wikimedia Commons)

बता दे, चुनावी बांड सिस्टम तत्कालीन केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा शुरू किया गया था। तब सभी विपक्षी दलों ने सिस्टम में अधिक पारदर्शिता की मांग की, ताकि कोई भी सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत इस स्रोत से होने वाली आय के बारे में जानकारी प्राप्त कर सके।

आईएएनएस/PT

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