हिरासत में हुई मौतों के मामले में राज्यों की सूची में उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल शीर्ष पर हैं। संसद को मंगलवार को यह जानकारी दी गई।
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि उत्तर प्रदेश में क्रमश: 2021-22 और 2020-21 में हिरासत में मौत के कुल 501 और 451 मामले दर्ज किए गए और पश्चिम बंगाल में 257 और 185 ऐसे मामले दर्ज किए गए।
उन्होंने कहा कि ये राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार 2021-22 और 2020-21 के दौरान देश भर में हिरासत में हुई मौतों के कुल 2,544 और 1,940 मामलों में से थे।
मंत्री ने यह भी कहा कि पुलिस और सार्वजनिक व्यवस्था संविधान की सातवीं अनुसूची के अनुसार राज्य के विषय हैं, और यह मुख्य रूप से संबंधित राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वह नागरिकों के मानवाधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करे।
इसी तरह, 2021-22 में 45 मामलों के साथ पुलिस मुठभेड़ों में मौत के मामले में दर्ज मामलों के मामले में जम्मू और कश्मीर राज्यों की सूची में सबसे ऊपर है। देश भर में क्रमश: 2021-22 और 2020-21 में पुलिस मुठभेड़ों में मौत के संबंध में कुल 151 और 82 मामले दर्ज किए गए।
मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार समय-समय पर परामर्श जारी करती है और मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 भी लागू किया है, जो लोक सेवकों द्वारा कथित मानवाधिकारों के उल्लंघन को देखने के लिए NHRC और राज्य मानवाधिकार आयोगों की स्थापना को निर्धारित करता है।
(आईएएनएस/AV)