जम्मू कश्मीर में 11 अक्टूबर को शहीद हुए अग्नि वीर अमृत पाल सिंह के अंतिम संस्कार के दौरान सेवा द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर नहीं दिए जाने को लेकर पंजाब में विपक्षी दलों ने हैरानी जताई है इस बीच भारतीय सेना ने शनिवार को बयान जारी कर गार्ड ऑफ ऑनर न दिए जाने की वजह भी बता दी। काफी समय से पंजाब के विपक्षी दल इस बात को लेकर सवाल उठा रहे थे की अग्नि वीरों के साथ ना इंसाफी किया जा रहा है उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर नहीं दिया जा रहा जम्मू कश्मीर में अपनी जान गंवाने वाला शाहिद क्या इस लायक भी नहीं कि उसे गार्ड ऑफ ऑनर से नवाजा जाए? पंजाब के विपक्षी दलों के द्वारा उठाए इन सवालों का जवाब भारतीय सेना ने दिया तो चलिए इससे जुड़ी पूरी खबर आपको बताते हैं।
सेवा में हाल ही में शामिल हुए अग्नि वीर अमृतपाल सिंह 11 अक्टूबर को एक अग्रिम चौकी पर मृत पाए गए थे। उनके शरीर पर गोली का जख्म था सेवा की जम्मू स्थित व्हाइट नाइट कमान ने सोशल मीडिया साइट X पर लिखा एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना में अग्नि वीर अमृतपाल सिंह की राजौरी सेक्टर में सेंटर ड्यूटी के दौरान मौत हो गई।
अधिक जानकारी का पता लगाने के लिए कोर्ट आफ इंक्वारी की जा रही है। यह खबर मिलते ही अमृतपाल सिंह के समर्थन में लोगों ने आवाज़ उठाई और पंजाब में यह सवाल उठाया गया कि अमृतपाल सिंह की मौत के बाद गोली लगने के बाद भी उन्हें गार्ड का ऑनर्स से क्यों नहीं नवाजा गया? लगातार पंजाब में इस बात को लेकर काफी सवाल उठाए जा रहे थे और इसी सवाल का जवाब सेना ने दिया।
हालांकि अमृत पाल सिंह को गोली लगने के बाद ही सेवा की तरफ से इस बात की जानकारी सोशल मीडिया साइट एक से दे दी गई थी और यह भी बताई गई थी कि इस मौत के पीछे के कर्म को जानने के लिए कोर्ट का इंक्वायरी बताई जाएगी।
सी ने अपने बयान में बताया कि जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले में नियंत्रण रेखा के पास एक अग्निवीर ने खुद को ही गोली मार ली। और खुद को गोली मारने की वजह से ही उनकी मौत हो गई सी ने कहा की मौत का कारण खुद को पहुंचाई गई चोट पाए जाने के मध्य नजर मौजूदा नीति के अनुसार कोई सलामी गदर नहीं दी गई या सैन्य अंत्येष्ठा नहीं की गई।