बंटवारे के बाद मिले बिछड़े दो भाई बहन

एक अधिकारी ने बताया की करतारपुर साहिब के प्रशासन ने चचेरे भाई-बहन के पुनर्मिलन के लिए सुविधा प्रदान की इस्माइल लाहौर से लगभग 200 किलोमीटर दूर पंजाब के साहिवाल जिले से हैं, जबकि सुरेंद्र कौर जालंधर से है।
भाई बहन:- भारत और पाकिस्तान को अलग हुए करीबन 76 साल गुजर गए हैं[Wikimedia Commons]
भाई बहन:- भारत और पाकिस्तान को अलग हुए करीबन 76 साल गुजर गए हैं[Wikimedia Commons]
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भारत और पाकिस्तान को अलग हुए करीबन 76 साल गुजर गए हैं इस बंटवारे के दौरान न जाने कितने रिश्ते अलग हुए कितने लोग बिछड़ गए जो आज तक मिल नहीं पाए। भारत और पाकिस्तान के विभाजन के दौरान 76 साल पहले अलग हुए एक भाई और बहन ऐतिहासिक करतारपुर गलियारे में एक बार फिर से मिल सके अभी दोनों की उम्र करीबन 80 वर्ष की है एवं उनका मिलान सोशल मीडिया की वजह से ही संभव हो पाया तो चलिए इस घटना से जुड़े पूरी खबर आपको बताते हैं।

कहा हुई मुलाकात

पाकिस्तान के एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी की मोहम्मद इस्माइल और उनकी बहन सुरेंद्र कौर पाकिस्तान तथा भारत के अपने-अपने शहर से करतारपुर में गुरुद्वारा दरबार साहिब पहुंचे और रविवार को उनका भावनात्मक पुनर्मिलन हुआ दोनों की उम्र करीब 80 वर्ष है। वही ईटीपीबी के एक अधिकारी ने बताया की करतारपुर साहिब के प्रशासन ने चचेरे भाई-बहन के पुनर्मिलन के लिए सुविधा प्रदान की इस्माइल लाहौर से लगभग 200 किलोमीटर दूर पंजाब के साहिवाल जिले से हैं, जबकि सुरेंद्र कौर जालंधर से है। स्माइल और सुरेंद्र कौर के परिवार विभाजन से पहले जालंधर जिले के शाहकोट शहर में रहा करते थे जब दंगों ने उन्हें अलग कर दिया था।

 स्माइल और सुरेंद्र कौर के परिवार विभाजन से पहले जालंधर जिले के शाहकोट शहर में रहा करते थे जब दंगों ने उन्हें अलग कर दिया था।[Wikimedia Commons]
स्माइल और सुरेंद्र कौर के परिवार विभाजन से पहले जालंधर जिले के शाहकोट शहर में रहा करते थे जब दंगों ने उन्हें अलग कर दिया था।[Wikimedia Commons]

कैसे हुई मुलाकात

पाकिस्तानी पंजाबी यूट्यूब चैनल ने इस्माइल की कहानी पोस्ट कर दी थी जिसके बाद ऑस्ट्रेलिया के एक सरदार मिशन सिंह ने उनसे संपर्क किया और उन्हें भारत में अपने परिवार के सदस्यों के बारे में बताया। सिंह ने इस्माइल को कौर का टेलीफोन नंबर दिया जिसके बाद दोनों भाई-बहन ने बात की और करतारपुर कॉरिडोर के माध्यम से गुरुद्वारा दरबार साहिब में मिलने का फैसला किया। करतारपुर में मिलने के दौरान दोनों भावुक भी हो गए यह तस्वीर सोशल मीडिया पर काफी प्रचलित हो रही है।

कैसे बिछड़े थे ये भाई बहन

भारत और पाकिस्तान के विभाजन के समय माहौल इतना भयानक था कि उस सिचुएशन ने अच्छे-अच्छे परिवारों और रिश्तो को तोड़ दिया था। उसे वक्त भारत और पाकिस्तान में कोई अंतर नहीं था सब एक साथ रहते थे लेकिन जब विभाजन किया अनाउंसमेंट हुई तब माहौल कुछ इस प्रकार बदला की बॉर्डर एरियाज में दंगे फसाद होने लगे।

भारत और पाकिस्तान के विभाजन के समय माहौल इतना भयानक था कि उस सिचुएशन ने अच्छे-अच्छे परिवारों और रिश्तो को तोड़ दिया था। [Wikimedia Commons]
भारत और पाकिस्तान के विभाजन के समय माहौल इतना भयानक था कि उस सिचुएशन ने अच्छे-अच्छे परिवारों और रिश्तो को तोड़ दिया था। [Wikimedia Commons]

जिसे जो समझ आया उसने वह देश चुन लिया। ठीक इसी प्रकार यह दोनों भाई-बहन ने भी अपनी किस्मत विभाजन के वक्त ही लिखें और भारत और पाकिस्तान के बंटवारों के साथ उनके रिश्तों का भी बंटवारा हो गया। करीबन 76 साल बाद यह दोनों एक दूसरे से मिल पाए जो शायद कभी संभव नहीं था लेकिन सोशल मीडिया ने उनके इस मिलन को संभव किया।

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