शुक्रवार को दिल्ली मेरठ रैपिड रेल ट्रांसपोर्ट सिस्टम के उद्घाटन के बाद यात्रियों के लिए इन कोचों में प्लेन जैसी बैठने की व्यवस्था मिलेगी जिसमें आरामदायक पीछे खिसकने वाली सिम शामिल है बता दे कि यात्रियों के लिए पहली ट्रेन शनिवार को चलेगी और शुक्रवार में इसकी फ्रीक्वेंसी 15 मिनट की होगी यही वह ट्रेन है जिसका इंतजार काफी समय से दिल्ली मेरठ वालों ने किया। तो चलिए इस ट्रेन से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें बताते हैं।
आपको बताने की इस ट्रेन का ट्रायल हो चुका है ट्रायल के दौरान ट्रेन की अधिकतम गति 146 किलोमीटर प्रति घंटा थी इस हाई स्पीड आरटीएस ट्रेन में झुकना वाली seat और बड़ी खिड़कियों के अलावा हाईटेक कोचिंग में डिजिटल स्क्रीन भी दी जाएगी जो यात्रियों को किसी भी समय ट्रेन का रूट स्पीड दिखाएंगे जानकारी के मुताबिक इसे रैपिडेक्स प्रोजेक्ट के नाम से भी जाना जाएगा।
हर रेक में 6 कोच, एक प्रीमियम और पांच स्टैंडर्ड होंगी। जानकारी के मुताबिक प्रीमियम सीट के लिए उसका टिकिट का किराया भी ज्यादा लगेगा। वही मानक कोचों में से एक महिलाओं के लिए आरक्षित होगा। रैपिडेक्स प्रोजेक्ट में 50% से अधिक कर्मचारी महिलाएं होंगी, और स्थानीय निवासियों के लिए रोजगार सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली और मेरठ के बीच प्राथमिकता दी जायेगी।
RRTS सामान्य रेलवे सिस्टम और मेट्रो नेटवर्क दोनों से अलग होगा क्योंकि यह भारत की पहली रेलवे सिस्टम होगी अधिकतम परिचालन गति 160km प्रतिघंटा होगी। दिल्ली और मेरठ के बिच 14 स्टेशन होगें और गति 100 किलोमीटर प्रति घंटा होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कॉरिडोर के 17 किलोमीटर लंबे साहिबाबाद से दुहाई डिपोखंड का उद्घाटन किया। जिसमें कुल पांच स्टेशन साहिबाबाद गाजियाबाद दुहाई और दुहाई डिपो है।
इस ट्रेन को यह दूरी तय करने में 1517 मिनट का समय लगेगा जानकारी के लिए बता दें कि यह परियोजना को पूरा करने में 30274 करोड रुपए लगी है। मेल एक्सप्रेस ट्रेन में मेरठ और दिल्ली के बीच डेढ़ घंटे और लोकल ट्रेन में 2 घंटे का समय लगता है लेकिन आरटीएस में केवल 50 से 60 मिनट लगेंगे इस पूरे प्रोजेक्ट को जून 2025 में पूरा होने की उम्मीद है बता दें कि इस परियोजना की आधारशिला पीएम मोदी ने 8 मार्च 2019 को की थी।