लेखक: योगी आदित्यनाथ
सम्मुख फैला अगर ध्येय पथ,प्रगति चिरंतन कैसा इति अब, सुस्मित हर्षित कैसा श्रम श्लथ,असफल, सफल समान मनोरथ,सब कुछ देकर कुछ न मांगते,पावस बनकर ढलना होगा,कदम मिलाकर चलना होगा। पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्मृतिशेष अटल बिहारी वाजपेयी जी की कलम से नि:सृत ये पंक्तियां मुझे सतत ध्येय प्राप्ति हेतु साधना करने की शक्ति प्रदान करती रहीं हैं। उत्तर प्रदेश की सेवा करते 4 वर्ष कैसे बीते इसका क्षण भर भी भान न हो सका और अब यह विश्वास और ²ढ़ हो चला है कि साफ नीयत और नेक इरादे से किए गए सत्प्रयास सुफलित अवश्य होते हैं।
कोविड-19 की विभीषिका से संघर्ष का एक वर्ष बीत चुका है। मुझे याद आता है जनता कर्फ्यू का वह दिन जब कोरोना के गहराते संकट के बीच महामहिम राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति महोदय ने फोन पर बातचीत कर मुझसे प्रदेश की तैयारी के संबंध में जानकारी ली थी। उन्हें चिंता थी कि कमजोर हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर, सघन जनघनत्व और बड़े क्षेत्रीय विस्तार वाला उत्तर प्रदेश इस महामारी का सामना कैसे करेगा? मैंने उन्हें भरोसा दिलाया कि उत्तर प्रदेश इस आपदा में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेगा और अंतत: हुआ भी यही। एक तरफ हमने मंत्रिपरिषद की एक टीम बनाई जो पॉलिसी तय किया करती थी, तो दूसरी तरफ अधिकारियों की एक टीम-11 गठित की। सभी की जिम्मेदारी तय की गई। हर दिन पूरे प्रदेश की छोटी-छोटी गतिविधियों की बारीकी से समीक्षा होती थी और त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित की जाती थी। दूसरे प्रदेशों में रह रहे उत्तर प्रदेश वासियों की कोई समस्या हो अथवा प्रदेश में निवासरत लोगों की जरूरतें, सब पर सीधी नजर रखी गई। मुझे आज यह लिखते हुए आत्मिक संतोष की अनुभूति हो रही है कि इस वैश्विक लड़ाई में पूरा उत्तर प्रदेश एकजुट रहा। हमने अपने आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के 'टेस्टिंग और ट्रेसिंग' के मंत्र को आत्मसात किया और और समवेत प्रयास से इसे व्यवहारिक धरातल पर उतारने की चुनौती में सफलता प्राप्त की। परिणामत: आज प्रतिष्ठित वैश्विक संस्थाएं भी उत्तर प्रदेश की कोरोना प्रबंधन की सराहना कर रही हैं।
विकास की राह पर आगे बढ़ता हुआ यह वही उत्तर प्रदेश है जहां महज 4 साल में 40 लाख परिवारों को आवास मिला, 1 करोड़ 38 लाख परिवारों को बिजली कनेक्शन मिला, हर गांव की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाया गया तथा गांव-गांव तक ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। आज हम सभी के निरन्तर प्रयास से अंतरराज्यीय संपर्क को सुदृढ़ किया गया है। पांच एक्सप्रेस-वे विकास को रफ्तार देने के लिए तैयार हो रहे हैं तो देश को रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए डिफेंस कॉरिडोर का निर्माण हो रहा है। हमें याद रखना होगा कि यह वही यूपी है जहां वर्ष 2015-16 में प्रति व्यक्ति आय मात्र 47,116 रुपये थी। आज 94,495 रुपये है। यह है परिवर्तन।
उत्तरप्रदेश में अंतरराज्यीय संपर्क को सुदृढ़ किया गया है।(Pixabay)
बदलते वातावरण का परिणाम है कि आज निवेशकों की पहली पसंद उत्तर प्रदेश है। चार साल के भीतर 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' की राष्ट्रीय रैंकिंग में 12 पायदान ऊपर उठकर नम्बर दो पर आना कोई सरल कार्य नहीं था पर हमने यह कर दिखाया। यही नहीं व्यवसाय के साथ-साथ आज हमारी सरकार 'ईज ऑफ लिविंग' पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है। हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री जी ने 'आत्मनिर्भर भारत' का सपना देखा है। वह देश को 5 ट्रिलियन यूएस डॉलर वाली अर्थव्यवस्था बनाने का महान लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। उत्तर प्रदेश इस लक्ष्य का संधान कर उनके स्वप्न को साकार करने में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त करता है।
चार वर्ष पूर्व अन्नदाता किसान के ऋण की माफी से वर्तमान सरकार की लोककल्याण की यात्रा प्रारंभ हुई थी। राज्य सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक तब तक नहीं की, जब तक लघु व सीमान्त किसानों के ऋणमाफी की कार्ययोजना तैयार नहीं कर ली। आज प्रदेश में किसान उन्नत तकनीक से जुड़कर कृषि विविधीकरण की ओर अग्रसर हो रहे हैं। हाल ही में केंद्र सरकार ने कृषि सुधारों की ऐतिहासिक पहल की है। यह किसानों की प्रगति को नवीन आयाम देने वाले प्रयास हैं। आज किसानों की लागत को कम करने और आय को बढ़ाने के लिए कार्य किया जा रहा है। किसानों को एमएसपी से अधिक मूल्य जहां मिले वहां बेचने के लिए स्वतंत्रता हासिल है। मंडियों को राष्ट्रीय स्तर पर तकनीकी प्लेटफॉर्म ई-नाम से जोड़ने की योजना प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में लागू की जा रही है। प्रदेश सरकार ने दशकों से लम्बित पड़ी सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने का कार्य किया है। किसान के प्रति यह हमारी प्रतिबद्धता ही है कि प्रदेश में अब तक 1.26 लाख करोड़ रुपये का गन्ना मूल्य भुगतान किसानों को किया जा चुका है। हमारी सरकार ने बन्द चीनी मिलों को चलाने का कार्य किया। कोरोना कालखंड के दौरान 119 चीनी मिलें कार्य करती रहीं। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में उत्तर प्रदेश को सर्वोत्तम प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया। प्रदेश के 2 करोड़ 42 लाख किसान इस योजना से लाभान्वित हुए हैं। कृषक दुर्घटना बीमा योजना का दायरा बढ़ाया गया है और अब बटाईदार और किसान के परिजन भी इससे लाभान्वित हो सकेंगे। किसानों की उम्मीद और खुशहाली हमारी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है और हम इसपर पूरी तरह खरा उतरने के लिए सतत प्रयत्नशील हैं।
बीते चार वर्षों में उत्तर प्रदेश में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की जो ज्योति प्रज्जवलित हुई है, उसने हर सनातन आस्थावान व्यक्ति के हृदय को आलोकित किया है। 'गंगा यात्रा' के माध्यम से आस्था और आर्थिकी दोनों के उद्देश्य पूरे हुए। इसके साथ ही श्रीरामजन्मभूमि पर सकल आस्था के केंद्र प्रभु श्री राम के भव्य-दिव्य मंदिर के निर्माण के शिलान्यास की सदियों पुरानी बहुप्रतीक्षित साधना वर्ष 2020 में पूरी हुई। अयोध्या दीपोत्सव, काशी की देव दीपावली और ब्रज रंगोत्सव की सर्वत्र सराहना हुई। सप्तपुरियों में प्रथम अयोध्या हमारे लिए राष्ट्रीय गौरव का विषय है। वर्तमान राज्य सरकार अयोध्या को वैदिक और अधुनातन संस्कृति के समन्वित नगर की प्रतिष्ठा से विभूषित करने के लिए नियोजित प्रयास कर रही है। प्रभु श्री राम के आशीष से हमारा यह प्रयास भी अवश्य सफल होगा। 'आस्था और अर्थव्यवस्था' दोनों के प्रति हमारा समदर्शी भाव है। हमारी नीतियों में दोनों भाव समानांतर गति करते हैं।
उत्तरप्रदेश में भव्य दीपोत्सव का आयोजन।(फाइल फोटो)
पिछले चार वर्षों में नए भारत के नए उत्तर प्रदेश का सृजन हुआ है। चार साल पहले जिस प्रदेश को देश और दुनिया में बीमारू कहा जाता था, जो भारत का सबसे बड़ा राज्य होने के बाद भी अर्थव्यवस्था के पैमाने पर 5वें पायदान पर था, जहां युवा पलायन को मजबूर था, आज उसकी प्रगति और उसकी नीतियां अन्य राज्यों के लिए नजीर बन रही हैं। 2015-16 में 10.90 लाख करोड़ की जीडीपी वाला राज्य समन्वित प्रयासों से आज 21.73 लाख करोड़ की जीडीपी के साथ देश मे दूसरे नम्बर की अर्थव्यवस्था वाला राज्य बन कर उभरा है। राज्य वही है, संसाधन वही हैं, काम करने वाले वही हैं, बदली है तो बस कार्यसंस्कृति। यही प्रतिबद्धतापूर्ण, समर्पित भावना वाली पारदर्शी कार्यसंस्कृति इस नए उत्तर प्रदेश की पहचान है।
प्रधानमंत्री जी ने 'सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास' का पाथेय प्रदान किया है। आज जबकि वर्तमान प्रदेश सरकार चार वर्ष पूरे कर रही है तो मुझे व्यक्तिगत प्रसन्नता है कि हम इसी पाथेय के अनुरूप अपनी नीतियों को क्रियान्वित करने में सफल रहे हैं। किसान, नौजवान, महिला और गरीब वर्तमान सरकार की नीतियों के केंद्र में है। सरकार की नीति और नीयत साफ है और यही वजह है कि जनता सरकार के साथ है। कुछ समय पूर्व जब हम उत्तर प्रदेश को संभावनाओं वाला प्रदेश कहते थे तो कुछ लोग कहते थे यहां कुछ नहीं हो सकता था। लेकिन लोककल्याण के संकल्प की शक्ति के बल पर आज उत्तर प्रदेश सिद्धि के पथ पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। मां भारती हमारा पथ प्रशस्त करें..
स्वस्ति प्रजाभ्य: परिपालयन्तां
न्यायेन मार्गेण महीं महीशा:।
गोब्राह्मणेभ्य: शुभमस्तु नित्यं
लोका: समस्ता: सुखिनो भवन्तु।।(आईएएनएस-SHM)