लिपिकार : रवि मलवाल
लिपिकार : रवि मलवाल

कहने को तो जगत की जननी पूज्य लक्ष्मी कहते हो... - रवि मलवाल

लिपिकार(Lipikar) में आज हम पढ़ेंगे उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में जन्मे और वर्तमान में एलएलबी(LLB) की पढ़ाई कर रहे रवि मलवाल(Ravi Malwal) के बारे में जिनके अंतर्मन के भाव उन्हें लिखने के लिए प्रेरित करते हैं।

रवि मलवाल

विद्यार्थी

एलएलबी(LLB)

Q

आपकी पसंदीदा लेखन शैली क्या है ?

A

कविता, कहानी, समाचार तथा संस्मरण

Q

आपके पसंदीदा लेखक/लेखिका कौन हैं?

A

चेतन भगत

Q


आपकी पसंदीदा पुस्तक कौन सी है?

A

'How to influence people and win friends'

Q

आपके द्वारा लिखा गया पहला लेख?

A

गुम हुए रास्ते रुसवा हुई मंजिलें

Q

आपको लिखने के लिए क्या प्रेरित करता है?

A

अन्तर्मन के भाव और अब तक जो सीखा उसे अपने शब्दों में ढालने का तरीका

Q

आपके बारे में ऐसी कौन सी बात है जिसे जानकर लोग आमतौर पर आश्चर्यचकित हो जाते हैं?

A

विनम्रता, शिष्टाचार, ज्ञान की भूूख और कड़ी मेहनत, चाहे पत्थर भी फोड़ने पड़े

Q

आपके जीवन में सबसे अधिक प्रभाव किसने डाला है? कैसे ?

A

मेरा स्वयं का अब तक का जीवन संघर्ष, अतीत की गलतियों से सीखना और समय की कीमत समझना

Q

कोई ऐसी बात बताएं जो आपको सच लगती है पर उसपर लगभग कोई भी आपसे सहमत नहीं होगा।

A

लोग मुझे बहुत अधिक शरीफ समझते हैं जितना मैं हूं नहीं।

Q

आपका पसंदीदा उद्धरण क्या है ?

A

मैं छुपाना जानता तो जग मुझे साधु समझता।
शत्रु मेरा बन गया है छल रहित व्यवहार मेरा।।

Q

आपके द्वारा लिखी गई सबसे अच्छी पंक्ति कौन सी है ?

A

कहने को तो जगत की जननी पूज्य लक्ष्मी कहते हो,
पर उसी शक्ति के चीर हरण को मौन साध क्यों सहते हो।

Q

क्या आपके पास पाठकों के लिए कोई संदेश है ?

A

पढ़ना जीवनभर जारी रखें।

Q

आपको कौन सी चीज़ें प्रोत्साहित करती है?

A

अपने अंदर का लेखक

Q

आधुनिकता के इस दौर में पुस्तकों का चलन कम हो गया है? यदि हाँ, तो यह किस हद तक सही है ?

A

मोबाइल पर सबका ध्यान केन्द्रित हो जाना, पुस्तकों के चलन कम होने का मुख्य कारण है।

Q

लेखन ने आपके जीवन को किस प्रकार नई गति दी?

A

इसने मेरी सृजनात्मकता को आयाम दिया।

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