रश्मि सामंत को धर्म के आधार पर निशाना बनाया गया, विश्वविद्यालय ने माना!

(NewsGramHindi, फोटो- Rashmi Samant, Instagram)
(NewsGramHindi, फोटो- Rashmi Samant, Instagram)

गत फरवरी महीने में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में पढ़ रही भारतीय विद्यार्थी रश्मि सामंत(Rashmi Samant) को छात्रसंघ अध्यक्ष के तौर पर चुना गया था। जिसके उपरांत वहां के चरमपंथी एवं हिन्दू-विरोधी ताकतों ने उनपर धर्म सूचक टिप्पणी कर उन्हें त्याग पत्र देने पर विवश किया था। किन्तु रश्मि(Rashmi Samant) ने इस लड़ाई को जारी रखा और अंत में विश्वविद्यालय द्वारा गठित जाँच समूह ने माना कि रश्मि सामंत को धर्म के आधार पर निशाना बनाया गया था।

रश्मि(Rashmi Samant) के साथ-साथ इन हिन्दू विरोधी ताकतों ने सभी हिन्दुओं को निशाने पर लेकर टीका-टिप्पणी की और हिन्दू धर्म को नीचा दिखाने का प्रयास किया। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इन सभी हिन्दू-विरोधी षड्यंत्र के पीछे हाथ था भारतीय मूल के प्रोफेसर अभिजीत सरकार का, जिसने हिन्दू-विरोध के वेश में रश्मि के माता-पिता पर भी आपत्तिजनक टिप्पणी की। खुद को मोदी विरोधी बताने वाले इस प्रोफेसर ने अपने इंस्टाग्राम पर रश्मि सामंत(Rashmi Samant) के छात्रसंघ अध्यक्ष से त्यागपत्र देने पर लिखा कि "हिंदुत्व" (हिंदू धर्म से अलग) ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन के निर्वाचित अध्यक्ष ने कल (निर्वाचित होने के 2 दिन बाद), नस्लवाद, जेनोफोबिया, यहूदी-विरोधी, हिटलर के नरसंहार, ट्रांसफोबिया के आरोपों की एक लंबी सूची के बाद इस्तीफा दे दिया।"

उसके बाद अभिजीत ने रश्मि के माता पिता कि तस्वीर साझा करते हुए लिखा कि "यह एक वायरल फोटो है, जिसमें रश्मि के रिश्तेदार, संभवतया उनके माता-पिता, उस मंदिर के निर्माण का उत्सव मना रहे हैं, जो एक मस्जिद को ध्वस्त करके बना है। वह  कर्नाटक में मनिपाल इंस्टीटयूट ऑफ टेक्नोलोजी से ऑक्सफोर्ड आई हैं, जिस संस्थान की आधिकारिक वेबसाईट पर प्रधानमंत्री मोदी का चित्र लगा हुआ है। और वह तटीय कर्णाटक से आई है जो इन दिनों इस्लाम से घृणा करने वाली हिंदुत्ववादी शक्तियों का केंद्र बना हुआ है। और उसके अभियान में काफी पैसा खर्च हुआ है, वह किसने खर्च किया, जाहिर हैं, भारतीयों ने ही!"

आपको बता दें कि विदेशों में भारतीय छात्रों को नस्लीय भेदभाव का सामना अक्सर करना पड़ता है। किन्तु ऑक्सफोर्ड में बीते महीने हुई घटना ने हिन्दू-फोबिया के नए अध्याय को भी उजागर किया है। साथ ही ऑक्सफोर्ड जैसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में अभिजीत सरकार जैसे प्रोफेसर भी हिन्दुओं को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं यह बात भी सबके सामने आ गई है। वहीं भारत में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के फैसले की सराहना की जा रही है, साथ ही यह मांग भी उठ रही है कि टिप्पणीकर्ताओं पर विश्वविद्यालय कड़ी से कड़ी करे।

Related Stories

No stories found.
logo
hindi.newsgram.com