न्यूजग्राम हिंदी: अयोध्या (Ayodhaya) में जैन राजा भरत ( Jain King Bharat) की 31 फीट की मूर्ति आ रही है, जिसे धर्म के पांच 'र्तीथकरों' की भूमि भी माना जाता है। जैन धर्म में, 'र्तीथकर' एक उद्धारकर्ता और आध्यात्मिक शिक्षक है।
प्रतिमा अयोध्या के रायगंज (Raiganj) स्थित श्री दिगंबर जैन मंदिर (Shri Digambar Jain Temple) में स्थापित की जाएगी।
पूरे मंदिर का नवीनीकरण किया जा रहा है और इस परियोजना के अप्रैल तक पूरा होने की संभावना है। जैन धर्म के अनुष्ठानों के साथ एक भव्य समारोह परियोजना के पूरा होने का प्रतीक होगा। अयोध्या के राजा नाभिराज के पुत्र थे। भरत ऋषभदेव के बेटे थे।
जैन धर्म के प्रथम र्तीथकर ऋषभदेव (Rishabhdev) अयोध्या के राजा नाभिराज (Nabhiraj) के पुत्र थे। भरत ऋषभदेव के बेटे थे।
श्री दिगंबर जैन मंदिर के पीठाधीश्वर रवींद्र कीर्ति के अनुसार, ऋषभनाथ की सबसे ऊंची प्रतिमा अयोध्या में है।
उन्होंने कहा, यह परियोजना अयोध्या में धार्मिक पर्यटन को और बढ़ावा देगी।
अयोध्या से बीजेपी विधायक वेद प्रकाश गुप्ता ने कहा कि श्री दिगंबर जैन मंदिर के नवीनीकरण के बाद देश भर से जैन धर्म के अनुयायियों के अयोध्या आने की उम्मीद है।
साथ ही जैन मंदिर में 720 मूर्तियां भी लगेंगी।
राज्य पर्यटन विभाग अयोध्या में धार्मिक महत्व के एक और मंदिर के रूप में श्री दिगंबर जैन मंदिर को प्रदर्शित करने की योजना बना रहा है।
इस बीच, राम मंदिर के भव्य उद्घाटन के लिए अयोध्या में उत्सव दिसंबर में शुरू होगा और जनवरी 2024 में मकर संक्रांति पर मंदिर के गर्भगृह में राम लला की मूर्ति की स्थापना के साथ समाप्त होगा।
--आईएएनएस/PT