एक ऐसा मंदिर जहां देवी को लगाया जाता है भजिया और समोसे का भोग

मान्यता है कि किसी का सम्मोहन कराना हो या उच्चाटन, तो इसके लिए धूमावती का खास अनुष्ठान किया जाता है।
भजिया और समोसे का भोग
भजिया और समोसे का भोगWikimedia

देवी देवताओं को प्रसाद चढ़ाने की बात आए तो सिर्फ मीठे का ही जिक्र होता है, मगर मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के दतिया (Datiya) जिले में एक ऐसा देवी का मंदिर है जहां पर भोग में भजिया, समोसा और कचोरी चढ़ाया जाता है।

दतिया में पीतांबरा शक्तिपीठ (Pitambara Shaktipeeth) और यहां स्थित है धूमावती देवी (Dhoomawati Devi) का मंदिर इन्हें तांत्रिक देवी (Tantrik Devi) माना गया है, जो श्याम वर्ण है और सफेद रंग की साड़ी पहने हुए हैं. सुहागवती महिलाओं के लिए इनके दर्शन वर्जित है।

भजिया और समोसे का भोग
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मान्यता है कि किसी का सम्मोहन कराना हो या उच्चाटन, तो इसके लिए धूमावती का खास अनुष्ठान किया जाता है, यह तांत्रिक देवी हैं इसलिए इन्हें भोग के तौर पर मीठा नहीं चढ़ाया जाता बल्कि नमकीन पदार्थों का भोग लगाया जाता है। इसके साथ ही सफेद रंग के पुष्प चढ़ाए जाते हैं।

वैसे तो इस मंदिर में हर रोज पूजा होती है मगर शनिवार को खास अनुष्ठान होते हैं। इतना ही नहीं नवरात्र के मौके पर तमाम लोग यहां आकर अपनी सफलता की कामना करते हैं। इस मौके पर देशभर के अलग-अलग हिस्सों के राजनेताओं के अलावा तमाम बड़े लोगों की मौजूदगी रहती है और वे अनुष्ठान भी करते हैं, ताकि उनके सारे काम पूरे हो जाएं और विरोधी को भी आसानी से शिकस्त दे सकें।

देवी
देवीWikimedia

स्थानीय लोगों की मानें तो जब भी कोई बड़ी विपदा आती है तो धूमावती के दरबार में जाकर विशेष पूजा अर्चना की जाती है और अपनी मनोकामना की पूर्ति की आराधना की जाती है, वैसे इस मंदिर में देवी को चटनी और रोटी का भी प्रसाद चढ़ाया जाता है।

संभवत यह देश की इकलौती देवी होंगी जिन्हें नमकीन प्रसाद चढ़ाया जाता है, यही कारण है कि शनिवार के दिन शक्तिपीठ के आसपास सड़क पर भजिया और समोसे कचौड़ी और मंगोड़ी बनाने वालों की सैकड़ों दुकानें लगी रहती हैं।

आईएएनएस/PT

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