मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के दमोह जिले में एक चर्च (Church) के बिशप पर एक महिला ने धर्मांतरण करवाने का आरोप लगाया है और दावा किया है कि उसे और उसके पति को जबरन ईसाई बनाया गया था। सोशल मीडिया (Social Media) पर सामने आए एक वीडियो में महिला ने दावा किया कि उसे धर्म परिवर्तन के लिए 1.20 लाख रुपये की पेशकश की गई थी। महिला ने कहा कि उसने घटना की जानकारी पुलिस को दी थी लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। उसने एक बिशप द्वारा 1.20 लाख रुपये देने का दावा किया, लेकिन जब उन्होंने चर्च जाना बंद कर दिया, तो दंपति को कथित रूप से गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी गई।
महिला ने कहा- उन्होंने हमें धर्मांतरण के लिए 1.20 लाख रुपये का भुगतान किया, जिसमें से हमने 90,000 रुपये वापस कर दिए, लेकिन अब वह चार गुना राशि की मांग कर रहे हैं। महिला ने धर्मांतरण कराने पर कहा- हमें एक पानी की टंकी में डूबाया गया। कम से कम चार-पांच लोग जमा हो गए थे और वे कुछ पढ़ रहे थे और हमें पानी में नहाने के लिए कह रहे थे।
वायरल वीडियो पर राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने पुलिस से मामले में कार्रवाई करने के लिए कहा। शर्मा ने वीडियो ट्विटर पर शेयर करते हुए कहा, बिल्कुल स्वीकार्य नहीं है। शर्मा ने कहा कि एनसीडब्ल्यू ने आरोप सही साबित होने पर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। पुलिस ने कहा कि मामले का संज्ञान लिया गया है और इसकी जांच की जा रही है।
यह पहली बार नहीं है जब मध्य प्रदेश से धर्म परिवर्तन के आरोप सामने आए हैं। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो द्वारा मामले को उठाने के बाद सोमवार को रायसेन जिले में एक ईसाई संगठन के 10 सदस्यों पर बच्चों का धर्मांतरण करने का मामला दर्ज किया गया।
धर्म परिवर्तन का मुद्दा इस सप्ताह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने भी उठाया था। चौहान ने मंगलवार को शहडोल जिले में जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में धर्मांतरण का कुचक्र नहीं चलने देंगे। बहुत से लोग धर्मांतरण का एक दुष्चक्र बनाते हैं। भाइयों और बहनों, हम मध्य प्रदेश की इस भूमि पर धर्मांतरण नहीं होने देंगे। मुझे बताएं, क्या इसे जारी रहने देना चाहिए?
आईएएनएस/PT