Chaitra Month Start Date: सनातन धर्म में चैत्र महीना का विशेष महत्व है। चैत्र महीने की पहली तारीख से नए साल की शुरुआत मानी गई है। इस माह के पहले दिन से ही चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होती है। वैदिक पंचांग के अनुसार इस साल चैत्र महीने की शुरुआत 26 मार्च से हो रही है। इसके साथ ही इसका समापन 23 अप्रैल को होगा। माना जाता है कि ब्रह्माजी ने चैत्र के महीने से ही सृष्टि की रचना की थी।
इसके साथ ये भी मान्यताएं है कि इसी चैत्र मास के पहले दिन ही राम जी का राज्यभिषेक हुआ था। चैत्र मास को लेकर शास्त्रों में कुछ विशेष नियम बताए गए हैं। इस महीने से ही सर्दी का मौसम खत्म होकर गर्मी की शुरुआत होती है। ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी है कि इस महीने में क्या करें और क्या नहीं।
इस चैत्र के महीने में सुबह जल्दी उठें और इसके साथ ही कुछ समय निकाल कर योग और प्राणायाम करें। ऐसा करने से आत्मविश्वास बढ़ता है और साथ में व्यक्ति तनावमुक्त रहता है। चैत्र महीने में सूर्य देवता पुरुषोत्तम राम और मां दुर्गा की पूजा करनी चाहिए। इससे सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं और विशेष आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।
ऐसे तो हमेशा ही गाय और पेड़-पौधों की सेवा करना चाहिए परंतु यदि आप बहुत व्यस्त रहते हैं तो इस माह समय निकाल कर जरूर इनकी सेवा करें, ऐसा करने से आपको अक्षय पुण्य की प्राप्ति होगी। वेद-पुराणों के अनुसार चैत्र मास का पहला दिन बहुत ही शुभ होता है। इस दिन का हर एक पल शुभ फलदायी होता है। इसे किसी नए काम की शुरुआत के लिए भी अच्छा माना गया है।
इस माह में भूलकर भी बासी भोजन नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से आप बीमार पड़ सकते हैं। इस महीने दूध का सेवन करने से आपको बचना चाहिए। क्योंकि चैत्र के महीने में पाचन थोड़ा कमजोर हो जाता है। वहीं आप इस महीने दूध के जगह दही का सेवन कर सकते हैं। चैत्र मास में नमक का सेवन करने से बचना चाहिए। इसके जगह आप सेंधा नमक का सेवन कर सकते हैं। इस मास में तली भुनी चीजों का प्रयोग कम से कम करें। इस महीने में अक्सर लोगों को अपच की समस्या रहती है इसलिए इस महीने अधिक से अधिक फलों का सेवन करें जो सेहत के लिए लाभकारी रहेगा।