Chaitra Ram Navami 2024 : कौशल्या पुत्र भगवान राम का जन्म 5114 ईस्वी पूर्व हुआ था। चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को रामनवमी का पर्व मनाया जाता है। वाल्मीकि रामायण के अनुसार, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि के दिन अभिजीत मुहूर्त और कर्क लग्न में प्रभु श्री राम का जन्म हुआ था। इस दिन श्री राम के बाल स्वरूप की पूजा का विधान है। देशभर में इस पर्व को धूमधाम से मनाया जाता है। अनुमान लगाया जा रहा है कि इस साल अयोध्या में स्थित राम मंदिर में रामलला के दर्शन करने के लिए लाखों श्रद्धालु पहुंचेगे।
हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 16 अप्रैल, मंगलवार को दोपहर 1 बजकर 23 मिनट से शुभारंभ हो रही है, जो 17 अप्रैल को दोपहर 3 बजकर 15 मिनट तक पर समाप्त हो रही है। ऐसे में उदया तिथि के हिसाब से रामनवमी इस साल 17 अप्रैल को है।
रामनवमी के दिन भगवान राम की पूजा सुबह 11 बजकर 1 मिनट से दोपहर 1 बजकर 36 मिनट तक है अर्थात् भगवान राम की पूजा करने के लिए कुल 2 घंटे 35 मिनट का समय मिलेगा। इस दिन विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 34 मिनट से 03 बजकर 24 मिनट तक तथा गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 47 मिनट से 07 बजकर 09 मिनट तक।
पंचांग के अनुसार, रामनवमी के दिन आश्लेषा नक्षत्र के साथ रवि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। इस दिन सुबह 5 बजकर 16 मिनट से 6 बजकर 8 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। इसके साथ ही रवि योग पूरे दिन रहने वाले हैं।
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हर साल भगवान श्री राम का जन्मोत्सव मनाया जाता है। पुराण के अनुसार, दिन के मध्य के समय प्रभु का जन्म हुआ था। इसी के कारण मध्याह्न के समय पूजा अनुष्ठान करना काफी शुभ माना जाता है। इस दिन भगवान श्री राम की पूजा के लिए सर्वोत्तम समय 11 से 1 बजे के बीच का माना जाता है। इस दिन श्री राम के साथ माता सीता की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है और व्यक्ति को हर एक दुख-दर्द से छुटकारा मिलता है तथा जीवन में सुख शांति बनी रहती है।