छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की राजधानी रायपुर (Raipur) के मठपारा की सड़कों पर शुक्रवार को अलग नजारा देखने को मिला, जब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) हाथ में झोला लिए गली-गली दान मांगते नजर आए, मौका था छेरछेरा त्यौहार का। मुख्यमंत्री ने करीब आधे घंटे तक गलियों में घूम-घूम कर सभी से दान लिया। छेरछेरा का पर्व बड़ा संदेश देता है क्योंकि इस दिन दान दिया जाता है और दान लिया भी जाता है। दान देना उदारता और दान लेना अहंकार को नष्ट करने का प्रतीक है। छेरछेरा में दान की राशि जनकल्याण में खर्च की जाती है।
पुरानी परंपरा का निर्वाहन करने मुख्यमंत्री बघेल गलियों में घूमें। मुख्यमंत्री को देखकर मठपारा के निवासी घरों से निकलकर बाहर आए और उनके झोले में अनाज, सब्जी आदि दान स्वरूप डाली। दान देने वालों में छोटे-छोटे बच्चे, महिलाएं, बुजुर्ग बड़े उत्साह से शामिल हुए। इस दौरान मुख्यमंत्री ने भी वहां मौजूद बच्चों को दान स्वरूप राशि भेंट की।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शुक्रवार को छेरछेरा पर्व (Cher chera festival) के अवसर पर दूधाधारी मठ पहुंचकर भगवान के दर्शन किए और पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों के लिए सुख समृद्धि की कामना की। इस अवसर पर बघेल ने सभी को छेरछेरा की बधाई देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि हमारी सरकार ने सभी तीज त्योहारों पर छुट्टी दी। हम मुख्यमंत्री निवास में सभी त्योहारों को मनाते हैं, जैसे तीजा, पोरा, हरेली और छत्तीसगढ़ के अन्य तीज-त्यौहारों को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाने लगा है।
उन्होंने कहा कि किसान खेत में फसल की पैदावार और सभी के लिए भोजन की व्यवस्था करते हैं। अन्नदाता किसान समेत सभी वर्ग अनाज को दान करते है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान बालाजी की कृपा से इस साल बहुत अच्छी पैदावार हुई है, अब तक 85 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा जा चुका, और एक भी किसान की शिकायत नहीं आयी। सभी किसानों को तत्काल भुगतान भी हुआ। कार्यक्रम के पहले मुख्यमंत्री को धान से तौला भी गया।
उल्लेखनीय है कि हर साल की तरह इस बार भी दूधाधारी मठ परिसर में छेरछेरा, पुन्नी मेला का आयोजन किया गया, जिसमें भारी संख्या में लोग दान देने और लेने के लिए उपस्थित रहे।
आईएएनएस/PT