दीपावली पर किस भगवान का रहता है शासन?

धनतेरस के दिन नए सामान खरीदे जाते हैं यहां तक झाड़ू खरीदने की भी मानता है ताकि एक नए राज्य में एक नई शुरुआत की जा सके।
भगवान की तस्वीर
Deepawali: धरती पर एक ऐसा समय भी आता है जब इस समस्त धारा भूमि पर भगवान विष्णु का शासन नहीं रहताx
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सृष्टि के आरंभ से इस संसार में रचयिता शासन करता एवं संघारक की व्यवस्था चली आ रही है इस जगत के रचयिता ब्रह्मा है भगवान विष्णु समस्त जगत प्रशासन करते हुए संपूर्ण विश्व का संरक्षण करते हैं तो वही भगवान शिव संघारक है। मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु ही इस संपूर्ण विश्व के संरक्षक हैं लेकिन क्या आपको पता है की धरती पर एक ऐसा समय भी आता है जब इस समस्त धारा भूमि पर भगवान विष्णु का शासन नहीं रहता जी हां तो आज हम आपको विस्तार से बताएंगे कि वह ऐसा कौन सा समय है जब भगवान विष्णु इस संसार पर शासन नहीं करते उसका संरक्षण नहीं करते हैं।

पौराणिक कथा से जुड़े है तथ्य

शास्त्रों के अनुसार जब भगवान विष्णु ने वामन अवतार लेकर राजा बलि से तीन पग भूमि दान का वचन लेकर अपने दो पैग से समस्त लोगों को नाप कर अपने अधीन कर लिया और तीसरे पग के लिए जब राजा बलि ने अपना मास्टर आगे किया तो उनकी इस विनम्रता से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने राजा बलि से एक वरदान मांगने को कहा। उसे वक्त राजा बलि ने भगवान विष्णु से वरदान मांगते हुए कहा कि वह तीन दिवस पर्यंत इस संपूर्ण भूलेख के राजा बनकर इस पर शासन करना चाहते हैं।

गणेश भगवान की मनमोहक तस्वीर
जो व्यक्ति उनके राज्य में दीप माला प्रज्वलित करें उन्हें यहां श्री अर्थात लक्ष्मी का स्थाई निवास होगा।Pixabay

जो व्यक्ति उनके राज्य में दीप माला प्रज्वलित करें उन्हें यहां श्री अर्थात लक्ष्मी का स्थाई निवास होगा। और भगवान विष्णु ने उनके इस वरदान को तथास्तु कहकर पूर्ण कर दिया था।

कौन करता है शासन

कथा अनुसार तीन दिन यानी धनत्रयोदशी से लेकर दीपावली तक राजा बलि का राज होता है। इस प्रकार धनत्रों यदर्शी से दीपावली तक इस संपूर्ण पृथ्वी पर भगवान विष्णु का नहीं अपितु राजा बलि का शासन रहता है।

लक्ष्मी पूजा के समय आरती करती हुई एक महिला
धनत्रों यदर्शी से दीपावली तक इस संपूर्ण पृथ्वी पर भगवान विष्णु का नहीं अपितु राजा बलि का शासन रहता है[Wikimedia Commons]

वरदान के अनुसार जो व्यक्ति राजा बलि के राज्य में दीप माला प्रज्वलन करता है उसके यहां स्थाई लक्ष्मी का आवास होता है। इसलिए धनतेरस के दिन नए सामान खरीदे जाते हैं यहां तक झाड़ू खरीदने की भी मानता है ताकि एक नए राज्य में एक नई शुरुआत की जा सके। धनतेरस से लेकर दिवाली तक घर में हर कुछ नई चीजों को लाने और घर को सजाने की प्रथम है ताकि माता लक्ष्मी का धूमधाम से स्वागत किया जा सके।

भगवान की तस्वीर
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