सावन माह में शिव मंदिरो में लगा भक्तों का जमावड़ा

सावन के पहले सोमवार के दिन काशी विश्वनाथ धाम में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी।
सावन माह में शिव मंदिरो में लगा भक्तों का जमावड़ा
सावन माह में शिव मंदिरो में लगा भक्तों का जमावड़ाAyyappa Temple (IANS)
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सावन के पहले सोमवार को यूपी के सभी शिवालयों में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है। पहले सोमवार को वाराणसी में गंगा नदी में श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाकर शिव का जलाभिषेक किया। भक्तों ने गंगा घाटों पर डुबकी लगाकर सुख समृद्धि की कामना की। शिव मंदिरों में सुबह को हर-हर, बम-बम की गूंज सुनाई दी। इसके साथ ही बाराबंकी के लोधेश्वर, लखीमपुर के गोकर्णनाथ, कानपुर के परमट, समेत अनेक शिवमंदिर में भक्त सुबह से ही पूजा अर्चना कर लोगों की सलामती की दुआ कर रहे हैं।

काशी विश्वनाथ धाम का नव्य-भव्य स्वरूप लोकार्पित होने के बाद यह पहला सावन है। शिव भक्ति के इस पावन मास के पहले सोमवार को पांच लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। इसे ध्यान में रखते हुए शिव भक्तों के लिए सुविधाएं बढ़ाई गई हैं। इसमें दिव्यांगजनों व वृद्धजनों का विशेष ख्याल रखा जा रहा है। इनके लिए ई-रिक्शा का इंतजाम किया गया है।

ज्योतिषाचार्यो के अनुसार श्रावण का महीना शुरू होते ही शिव भक्त कांवड़िए हरिद्वार, ऋषिकेश, गौमुख से गंगाजल भरकर नंगे पैर दौड़ते और बम-बम भोले का उद्घोष करते हैं। श्रद्धालुओं द्वारा मंदिर में भगवान शिव, पार्वती, गणेश, कार्तिकेय और नंदी की पूजा करने का विधान है।

उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देश पर भक्तों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। एक तरफ जहां रेड कारपेट बिछाकर भक्तों का स्वागत किया जा रहा है, वहीं जगह-जगह शिव भक्त और कांवरियों पर पुष्प वर्षा भी की जा रही है। यहां तक कि मैदागिन और गोदौलिया सेठ मंदिर जाने वाले मार्ग पर नो व्हीकिल जोन होने की वजह से ई-रिक्शा का प्रबंध किया गया है, जो बुजुर्ग और दिव्यांगों को मंदिर तक पहुंचा रहा है।

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सावन के पहले सोमवार पर लोगों को शुभकामनाएं देते हुए लिखा कि देवाधिदेव महादेव की उपासना के पवित्र श्रावण मास के प्रथम सोमवार की सभी प्रदेश वासियों व श्रद्धालुओं को हार्दिक शुभकामनाएं। महादेव से प्रार्थना है कि समस्त प्रदेश वासियों को सुख-समृद्धि व उत्तम स्वास्थ्य प्रदान करें। हर हर महादेव।

सावन के पहले सोमवार के दिन भोर से ही काशी विश्वनाथ धाम में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। बैरिकेडिंग में श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगी रही। इनमें दूर-दराज से आए पुरुष व महिला कांवड़िए भी रहीं। भक्त दशाश्वमेध घाट पर गंगा स्नान के बाद पात्रों में जल भरकर काशी विश्वनाथ मंदिर की ओर रवाना हुए। इस दौरान दशाश्वमेध, काशी विश्वनाथ मंदिर, चौक, ज्ञानवापी आदि मार्गों पर बोल बम व हर हर महादेव का उद्घोष भी करते रहे। मंदिर के गेट नंबर चार से गोदौलिया और मैदागिन तक स्टील की बैरिकेडिंग लगाई है। इसी बैरिकेडिंग से होकर श्रद्धालु मंदिर में प्रवेश कर रहे हैं।

दरअसल, कोरोना महामारी का संक्रमण कम होने के दो साल बाद सावन के मौके पर धर्म नगरी वाराणसी में भक्तों को बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने का सौभाग्य मिला है। कांवड़ यात्रा भी दो साल बाद शुरू हुई है, जिसकी वजह से बड़ी संख्या में अपनी मनोकामना पूर्ण होने के बाद इंतजार कर रहे कांवड़ियां बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचे हैं। द्वादश ज्योतिलिर्ंग में से एक बाबा विश्वनाथ के दर्शन-पूजन के लिए रविवार रात से ही भक्त स्टील की बैरिकेडिंग में रेड कारपेट पर कतारबद्ध हो गए थे। आज भोर की मंगला आरती के बाद बाबा के दरबार के पट भक्तों के झांकी दर्शन के लिए खुले तो विश्वनाथ धाम से लेकर गंगा तट तक का इलाका हर-हर महादेव के उद्घोष से गूंज उठा। यह पहला ऐसा सावन है जब श्रद्धालु ललिता घाट पर गंगा स्नान कर जलाभिषेक के लिए बाबा विश्वनाथ के दरबार में सीधे पहुंच रहे हैं।

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श्रीकाशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रो. राम नारायण द्विवेदी के अनुसार, सावन के महीने में शिवलिंग का जलाभिषेक कर ऊं नम: शिवाय का जाप करने मात्र से जन्म-जन्मांतर के पापों से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं और भोलेनाथ अपने भक्त का कल्याण करते हैं।

बाबा विश्वनाथ के दर्शन-पूजन के लिए काशी विश्वनाथ मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश खुद भोर से ही गोदौलिया क्षेत्र में मौजूद हैं।

(आईएएनएस/AV)

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