Dhanu sankranti 2023- शुरू होगा खरमास। क्या करें और क्या ना करें?

16 दिसंबर से धनु राशि में गोचर करेंगे, इस दिन सूर्य देव तथा विष्णु जी का पूजा करना शुभ माना जाता है।इस दिन से ही खरमास का आरंभ होता है और इस दौरान इन दिनों हिंदू धर्म के अनुसार मांगलिक कार्यों का आयोजन शुभ नहीं माना जाता है।
Dhanu sankranti 2023 :  सूर्य देवता अपने रथ पर बैठकर ब्राह्मांड की परिक्रमा कर रहे थे। (wikimedia commons)
Dhanu sankranti 2023 : सूर्य देवता अपने रथ पर बैठकर ब्राह्मांड की परिक्रमा कर रहे थे। (wikimedia commons)
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Dhanu sankranti 2023 : सूर्य का राशि परिवर्तन को ही संक्रांति कहा जाता है। इस दिन पूजा पाठ, स्नान-दान का बड़ा महत्व होता है। इसी महीने भगवान सूर्य राशि परिवर्तन करने वाले हैं। वे 16 दिसंबर से धनु राशि में गोचर करेंगे, इसलिए इसे धनु संक्रांति भी कहते हैं। इस दिन सूर्य देव तथा विष्णु जी का पूजा करना शुभ माना जाता है। इस दिन से ही खरमास का आरंभ होता है और इस दौरान इन दिनों हिंदू धर्म के अनुसार मांगलिक कार्यों का आयोजन शुभ नहीं माना जाता है।

 हर साल में एक महीना खरमास का होता है।(wikimedia commons)
हर साल में एक महीना खरमास का होता है।(wikimedia commons)

खरमास की कथा क्या है?

खरमास की कथा गधे से संबंधित है। संस्कृत में खर का मतलब गधा होता है और मास का मतलब महीना होता है। कथाओं के मुताबिक एक बार सूर्य देवता अपने रथ पर बैठकर ब्राह्मांड की परिक्रमा कर रहे थे। इस दौरान उनके रुकने का मतलब धरती पर जनजीवन का रुक जाना था इसलिए उनका रथ हमेशा चलता रहता था। लेकिन इस दौरान उनके घोड़े निरंतर चलने के वजह से थक गए और उनको प्यास लगने लगी। इससे चिंतित होकर भगवान ने रथ को एक तालाब के किनारे रोक दिया और घोड़ों को आराम के लिए छोड़ दिया इसी वक्त तालाब किनारे दो गधे घास चर रहे थे। भगवान ने दोनों गधों को रथ से जोड़ा और फिर परिक्रमा पर निकल पड़े लेकिन गधे तो गधे होते हैं ।उनकी रफ्तार घोड़ों के मुकाबले कम होती है इसलिए रथ की रफ्तार भी धीमी हो गई।भगवान सूर्य ने किसी तरह से एक महीने का वक्त पूरा किया और तालाब के किनारे पहुंचे। इसके बाद उन्होंने गधों को मुक्त किया और घोड़ों को रथ से जोड़ा और फिर परिक्रमा पर निकले पड़े। इस तरह से हर साल में एक महीना खरमास का होता है।

खरमास में ईष्ट देवों की पूजा-पाठ करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं।(wikimedia commons)
खरमास में ईष्ट देवों की पूजा-पाठ करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं।(wikimedia commons)

क्या करें और क्या ना करें?

इस महीने में दान-पुण्य करना भी फलदायी होता है।

खरमास में ईष्ट देवों की पूजा-पाठ करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं। खरमास में गरीबों की मदद करने से मां लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है लेकिन मांगलिक कार्यक्रमों जैसे शादी-विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश जैसे काम नहीं करने चाहिए। खरमास में कोई भी नया काम करने की पाबंदी होती है। मकान, जमीन या प्लॉट नहीं खरीदा चााहिए। नए कपड़े और आभूषण भी पहनना नुकसानदायक होता है।

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