दशहरा 2025: जहाँ रावण को जलाया नहीं, बल्कि पूजा जाता है

पूरे भारत में दशहरे के दिन रावण का पुतला दहन किया जाता है। लेकिन कुछ जगहें ऐसी भी हैं जहाँ लोग रावण को बुरा नहीं मानते, बल्कि उसकी पूजा करते हैं और उसकी मृत्यु पर शोक मनाते हैं। यह हमारी संस्कृति की अलग और अनोखी झलक दिखाता है।
वह बड़ा विद्वान था, भगवान शिव का परम भक्त और वेदों का ज्ञानी था
वह बड़ा विद्वान था, भगवान शिव का परम भक्त और वेदों का ज्ञानी थाWikimedia Commons
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रावण कौन था?

रामायण (Ramayana) की कहानी में रावण लंका (Lanka) का राजा था। वह बहुत ताकतवर था, पर उसका अहंकार उसे हार की तरफ ले गया। लेकिन रावण सिर्फ बुरा नहीं था। वह बड़ा विद्वान था, भगवान शिव का परम भक्त था और वेदों का ज्ञानी था। इसी वजह से कुछ जगहों पर लोग रावण को सम्मान देते हैं।

भारत (India) की वो जगहें जहाँ रावण की पूजा होती है

मंडोर, राजस्थान (Rajasthan): यहाँ लोग मानते हैं कि रावण उनका दामाद था क्योंकि उसकी पत्नी मंदोदरी यहीं की थी। इसलिए यहाँ उसका पुतला नहीं जलाया जाता।

कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh): कुछ गाँवों में रावण को विद्वान ब्राह्मण माना जाता है और पूजा की जाती है।

मंदसौर, मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh): यह जगह मंदोदरी के नाम पर है। यहाँ रावण के मंदिर भी बने हुए हैं।

कोलार, कर्नाटक (Karnataka): यहाँ भी रावण का मंदिर है जहाँ लोग उसकी शक्ति और ज्ञान को याद करते हैं।

इन जगहों पर लोग रामायण को नकारते नहीं, बल्कि उसे अलग नज़र से देखते हैं।

यात्रा और त्योहार का अलग अनुभव

अगर कोई यात्री इन जगहों पर दशहरे (Dussehra) के समय जाए, तो उसे बिल्कुल अलग नज़ारा देखने को मिलेगा। जहाँ एक तरफ़ देशभर में पुतले जलते हैं, वहीं यहाँ लोग रावण को फूल चढ़ाते हैं, भजन गाते हैं और शांति से पूजा करते हैं। यह अनुभव दिखाता है कि भारत में त्योहार कितने अलग-अलग तरीकों से मनाए जाते हैं।

दशहरे पर जहाँ ज़्यादातर लोग रावण दहन करके खुश होते हैं, वहीं कुछ जगहें ऐसी भी हैं जहाँ रावण को आदर से याद किया जाता है।
दशहरे पर जहाँ ज़्यादातर लोग रावण दहन करके खुश होते हैं, वहीं कुछ जगहें ऐसी भी हैं जहाँ रावण को आदर से याद किया जाता है। Wikimedia Commons

आज के समय में

आज कई लोग रावण (Ravan) को विद्वान और विद्रोही मानते हैं। कुछ लोग कहते हैं कि वह गलत नहीं हैं बल्कि गलत समझा गया। इन चर्चाओं से पता चलता है कि कहानियाँ समय के साथ बदलती रहती हैं और हर समाज अपनी सोच के हिसाब से उन्हें जीता है।

निष्कर्ष

दशहरे (Dussehra) पर जहाँ ज़्यादातर लोग रावण दहन करके खुश होते हैं, वहीं कुछ जगहें ऐसी भी हैं जहाँ रावण को आदर से याद किया जाता है। कोई उसे बुरा राजा मानता है, तो कोई विद्वान और भक्त। यही भारत की खूबसूरती है, यहाँ हर कहानी की कई अलग-अलग सच्चाइयाँ हैं।

(Rh/BA)

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