तंजावुर (Tanjavur) का बृहदेश्वर मंदिर (Brihadishvara Temple) और मदुरै (Madurai) का मीनाक्षी अम्मन मंदिर (Minakshi Amman Temple), इंजीनियरिंग के अद्भुत कार्य के रूप में भी प्रसिद्ध हैं। साथ ही यह हमारे पूर्वजों के अतुलनीय ज्ञान व योगदान को भी प्रदर्शित करते हैं। शुक्रवार को शिक्षा राज्य मंत्री, डॉ. सुभाष सरकार ने यह बात कही। काशी तमिल संगमम (Kashi Tamil Sangmam) में पहुंचे शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि काशी तमिल संगमम न केवल देश के उत्तर और दक्षिण के बीच बल्कि पूरे भारत (India) के ऐतिहासिक, सभ्यतागत और सांस्कृतिक संबंधों के विभिन्न पहलुओं का उत्सव है।
काशी हिंदू विश्वविद्यालय बीएचयू (Kashi Hindu Vishwavidyala BHU) में तमिलनाडु (Tamilnadu) में शिक्षण के पारंपरिक तरीके और इसके प्रभाव पर अकादमिक सत्र में शिक्षा राज्य मंत्री, डॉ. सुभाष सरकार ने कहा कि काशी और तमिलनाडु भारत की उस विविध और समृद्ध सांस्कृतिक व आध्यात्मिक विरासत के प्रतीक हैं, जिसके लिए भारत जाना जाता है और जिसे आज हम एक भारत, श्रेष्ठ भारत पहल के तहत उत्सव के रूप में मना रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के कथन का जि़क्र करते हुए डॉ. सुभाष सरकार ने कहा कि आज देश की शिक्षा प्रणाली में प्राचीन भारतीय ज्ञान को शामिल करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि देश में विविध परंपराओं और ज्ञान की संस्थाओं का एक लंबा, समृद्ध और समृद्ध इतिहास रहा है, जिसने भारत को प्राचीन काल से ही शिक्षा व ज्ञान के प्रसिद्ध केन्द्र के रूप में स्थापित किया।
विभिन्न उदाहरण देते हुए शिक्षा राज्य मंत्री ने बताया कि विज्ञान, कला, इंजीनियरिंग, चिकित्सा, शल्य चिकित्सा, प्रौद्योगिकी, साहित्य, कला और वास्तुकला जैसे विभिन्न क्षेत्रों में भारत के विद्वानों की एक लंबी सूची है। डॉ. सरकार ने कहा कि तंजावुर का बृहदेश्वर मंदिर और मदुरै का श्री मीनाक्षी अम्मन मंदिर, जो इंजीनियरिंग के अद्भुत कार्य के रूप में भी प्रसिद्ध हैं, हमारे पूर्वजों के अतुलनीय ज्ञान व योगदान को प्रदर्शित करते हैं।
शिक्षा राज्य मंत्री ने काशी और तमिलनाडु के लोगों को एक-दूसरे से जुड़ने और उनके आपसी संबंधों को और मजबूत करने के लिए एक नायाब तरीका सुझाया। उन्होंने वाराणसी (Varanasi) और तमिलनाडु के लोगों से अपील की कि वे अपने पते लिखे पोस्टकार्ड का आदान-प्रदान करें और एक दूसरे को प्राचीन मंदिरों और आध्यात्मिक, धार्मिक व सांस्कृतिक महत्व के अन्य स्थानों को देखने के लिए अपने यहां आमंत्रित करें।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2022 की विशेषताओं की चर्चा करते हुए, केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देना भारत सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है। उन्होंने कहा कि यह लोगों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने का एक महत्वपूर्ण साधन तो है ही, इसे सांस्कृतिक परंपराओं व अपनी धरोहरों को संरक्षित करने और बढ़ावा देने के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है।
केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि काशी तमिल संगमम के माध्यम से काशी और तमिलनाडु के प्राचीन संबंधों को और बेहतर जानने व समझने का अवसर प्राप्त हो रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह आयोजन ज्ञान व बौद्धिक अनुभवों को साझा करने की दिशा में नई इकाइयों की स्थापना में अहम साबित होगा।
आईएएनएस/PT