Ganga Dussehra : गंगा दशहरा हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है, जो गंगा नदी की पूजा के लिए समर्पित है। यह त्योहार हिन्दू माह ज्येष्ठ के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भक्त नदी के किनारे एकत्र होते हैं और पवित्र स्नान करते हैं, इसके साथ ही कई रीति-रिवाज करते हैं और आशीर्वाद के लिए प्रार्थनाएं करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन गंगा में स्नान करने से पापों का नाश होता है और इच्छाओं की पूर्ति होती है। यह त्योहार गंगा को संरक्षित और सुरक्षित रखने के महत्व को भी दर्शाता है।
ऐसी मान्यताएं हैं कि सृष्टि के निर्माता ब्रह्मा जी के कमंडल से राजा भागीरथ द्वारा देवी गंगा को धरती पर अवतार दिवस को गंगा दशहरा के नाम से जाना जाता है। आपको बता दें पहले गंगा नदी स्वर्ग का हिस्सा थीं। गंगा दशहरा के दिन भक्त मां गंगा की पूजा करते हैं और गंगा में डुबकी लगाते हैं और दान- पुण्य, उपवास, भजन और गंगा आरती का आयोजन करते हैं। इस दिन मां गंगा की पूजा करने से भगवान विष्णु की अनंत कृपा प्राप्त होगी। हिंदू धर्म में तो गंगा को देवी मां का दर्जा दिया गया है। इस वर्ष 16 जून, रविवार को गंगा दशहरा का पर्व मनाया जाएगा।
वैदिक पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 16 जून रात्रि 02:32 पर शुरू हो रही और इस तिथि का समापन 17 जून सुबह 04:45 पर होगा। उदया तिथि के अनुसार, गंगा दशहरा इस वर्ष 16 जून 2024, रविवार के दिन मनाया जाएगा। इस दिन हस्त नक्षत्र का निर्माण हो रहा है, जो सुबह 11:13 तक रहेगा। इसके साथ पवित्र स्नान के लिए ब्रह्म मुहूर्त को सबसे उत्तम माना जाता है। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04:03 से सुबह 04:45 के बीच रहेगा।
गंगा दशहरा हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है इस दिन को लेकर धार्मिक मान्यता है कि इस दिन ही मां गंगा स्वर्ग से धरती पर अवतरित हुई थीं। गंगा दशहरा पर पवित्र गंगा नदी में स्नान जरूर करना चाहिए। यदि आपके लिए ऐसा कर पाना संभव न हो तो आपको घर पर ही स्नान करते हुए पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर लेना चाहिए।
गंगा दशहरे के पर्व पर गरीब और जरूरतमंद लोगों को दान करने का विशेष महत्व होता है। ऐसा माना जाता है कि गंगा दशहरा पर दान की जाने वाली वस्तुओं की संख्या दस होनी चाहिए। ऐसे में इस दिन आप दस फल, दस पंखे, दस सुराही, दस छाते या फिर दस हिस्से अन्न का दान कर सकते हैं।