कब है 'गंगा सप्तमी’? मां गंगा के कृपा से कुंडली में अशुभ ग्रहों का प्रभाव होगा कम

यह पर्व मां गंगा को समर्पित है। इस दिन को गंगा जयंती के रूप में मनाया जाता है। 'गंगा सप्तमी’ के दिन मां गंगा पूजन किया जाता है और जो भक्त इस दिन गंगा पूजन करते हैं, उनके समस्त पापों का नाश होता है
Ganga Saptami:  'गंगा सप्तमी’ के दिन मां गंगा पूजन किया जाता है और जो भक्त इस दिन गंगा पूजन करते हैं, उनके समस्त पापों का नाश होता है। (Wikimedia Commons)
Ganga Saptami: 'गंगा सप्तमी’ के दिन मां गंगा पूजन किया जाता है और जो भक्त इस दिन गंगा पूजन करते हैं, उनके समस्त पापों का नाश होता है। (Wikimedia Commons)

Ganga Saptami: प्रतिवर्ष 'गंगा सप्तमी' का पावन पर्व वैशाख शुक्ल सप्तमी को मनाया जाता है, यह पर्व मां गंगा को समर्पित है। इस दिन को गंगा जयंती के रूप में मनाया जाता है। 'गंगा सप्तमी’ के दिन मां गंगा पूजन किया जाता है और जो भक्त इस दिन गंगा पूजन करते हैं, उनके समस्त पापों का नाश होता है और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। तो आइए आज जानते हैं इस साल मई में गंगा सप्तमी का पर्व कब मनाया जाएगा?

गंगा सप्तमी तिथि

हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली सप्तमी तिथि की शुरुआत 13 मई, 2024 शाम 5 बजकर 20 मिनट पर होगी। वहीं, अगले दिन यानी 14 मई, 2024 शाम 6 बजकर 49 मिनट पर इस तिथि का समापन होगा। पंचांग को देखते हुए गंगा सप्तमी का पर्व 14 मई, 2024 को मनाया जाएगा।

इस दिन पूजा करने से मां गंगा की कृपा से कुंडली में अशुभ ग्रहों का प्रभाव भी कम हो जाता है। (Wikimedia Commons)
इस दिन पूजा करने से मां गंगा की कृपा से कुंडली में अशुभ ग्रहों का प्रभाव भी कम हो जाता है। (Wikimedia Commons)

गंगा सप्तमी का महत्व

मां गंगा को मोक्षधायनी भी कहा जाता है। इस दिन मां गंगा की पूजा- अर्चना करने से मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके अलावा भक्तों के सभी तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है। इस दिन पूजा करने से मां गंगा की कृपा से कुंडली में अशुभ ग्रहों का प्रभाव भी कम हो जाता है।

गंगा जी में न डालें ये चीजें

गंगा सप्तमी के दिन गंगी जी में अस्थियां डालने से बचना चाहिए। इस दिन इसमें भूलकर भी पुराने वस्त्र नहीं डालने चाहिए। शैम्पू, साबुन स्नान आदि की चीजें गंगा जी में डालने से बचना चाहिए। इस दिन हवन एवं पूजन सामग्री जो पहले की हो उन्हें डालने से बचना चाहिए। गंगा स्नान के समय पवित्रता का खास ख्याल रखना चाहिए। इस तिथि पर देवी गंगा का ध्यान करते हुए स्नान करना चाहिए। गंगा सप्तमी के दिन अशुद्ध चीजों को गंगा नदी में डालने से बचना चाहिए।

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