
द्रिक पंचांग के अनुसार, सूर्य तुला राशि में और चंद्रमा भी तुला राशि में रहेंगे। इस दिन कोई अभिजीत मुहूर्त नहीं है और राहुकाल का समय दोपहर 12 बजकर 5 मिनट से शुरू होकर 1 बजकर 30 मिनट तक रहेगा।
गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja) : भगवान श्री कृष्ण (Lord Shri Krishna) ने गोवर्धन पर्वत (Govardhan Mountain) को अपनी छोटी उंगली पर उठाकर इंद्र देवता के अहंकार को खत्म किया था, जिसके बाद गोवर्धन पूजा करने की परंपरा शुरू हुई। यह पर्व कार्तिक प्रतिपदा को मनाया जाता है, जिसे अन्नकूट पूजा (Annakoot Puja) के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन लोग गेहूं, चावल, बेसन की कढ़ी और पत्तेदार सब्जियों से बने स्वादिष्ट व्यंजन तैयार करते हैं और इसे भगवान कृष्ण को अर्पित करते हैं। यह पूजा प्रकृति और अन्न (Nature and Food) के महत्व को भी दर्शाती है। महाराष्ट्र में इसे बलि प्रतिपदा या बलि पड़वा के रूप में मनाया जाता है, जिसमें भगवान वामन की राजा बलि पर विजय की कथा को याद किया जाता है।
बलि प्रतिपदा: बलि प्रतिपदा का उल्लेख कूर्म पुराण, मत्स्य पुराण और ब्रह्म पुराण में मिलता है। यह पर्व दानव राजा बलि को समर्पित है। मान्यता है कि भगवान विष्णु ने वामन अवतार में राजा बलि को पाताल लोक भेजा था, लेकिन उन्हें तीन दिन पृथ्वी पर आने की अनुमति दी थी। इस दिन भक्त राजा बलि और उनकी पत्नी विन्ध्यावली की छवि को पांच रंगों से सजाकर पूजा करते हैं। दक्षिण भारत में ओणम पर्व के दौरान भी राजा बलि की पूजा की जाती है, जो बलि प्रतिपदा से मिलती-जुलती है।
गुजराती नव वर्ष: गुजराती समुदाय (Gujarati Community) कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा को नया साल मनाते हैं। इस दिन पुरानी खाता बही (चोपड़ा) बंद कर नई पुस्तकों का शुभारंभ किया जाता है। दीवाली की लक्ष्मी पूजा के दौरान चोपड़ाओं का पूजन होता है, जिसमें मां लक्ष्मी से समृद्धि की प्रार्थना की जाती है। नई खाता बही पर शुभ चिह्न बनाकर लोग नए वित्तीय वर्ष को लाभकारी बनाने की कामना करते हैं।
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