मकर संक्रांति पर चलने वाला भव्य "खिचड़ी मेला", जानिए क्या है इंतजाम

समारोह 15 जनवरी से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के शुभारंभ करने के साथ शुरू होता है, जो गोरखपीठ के प्रमुख पुजारी भी हैं, वे गुरु गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाते हैं।
मकर संक्रांति पर चलने वाला भव्य "खिचड़ी मेला" (Wikimedia)

मकर संक्रांति पर चलने वाला भव्य "खिचड़ी मेला" (Wikimedia)

जानिए क्या है इंतजाम

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मकर संक्रांति (Makar Sankranti) के दिन गोरखनाथ मंदिर (Gorakhnath temple) में शुरू होने वाले प्रसिद्ध 'खिचड़ी मेला (Khichdi Mela)' को लेकर भारत-नेपाल सीमा (India - Nepal Border) पर सुरक्षा बलों को अलर्ट पर रखा गया है। समारोह 15 जनवरी से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के शुभारंभ करने के साथ शुरू होता है, जो गोरखपीठ के प्रमुख पुजारी भी हैं, वे गुरु गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाते हैं।

गौरतलब है कि खिचड़ी मेला पूर्वी उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) का सबसे बड़ा त्यौहार है, लेकिन इसे सीमाओं के पार भी मनाया जाता है, जिसमें देश और विदेश से श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं।

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एक पुजारी ने कहा, "नेपाल और बिहार (Bihar) के भक्तों ने मेला परिसर में आना शुरू कर दिया है। हालांकि एक महीने तक चलने वाला मुख्य मकर संक्रांति मेला, जिसमें खिचड़ी का प्रसाद शामिल है, 13 जनवरी से 17 जनवरी तक चलेगा।"

मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र एवं पुलिस महानिदेशक डीएस चौहान द्वारा खिचड़ी मेले की तैयारियों की संयुक्त समीक्षा के बाद सुरक्षा निर्देश जारी किए गए।

ऐसा कहा जाता है कि इस पर पर खिचड़ी चढ़ाने की प्रथा त्रेतायुग से चली आ रही है और इस प्रथा का निर्वाह आज भी पूरी श्रद्धा के साथ किया जा रहा है यह प्रथा भगवान सूर्य के प्रति आस्था दिखाती हैं।

आईएएनएस/PT

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