
सद्भावना ग्रुप (Sadbhavna Group) पिछले 20 वर्षों से गणेश उत्सव मना रहा है। लेकिन, पहली बार गणपति को 25 लाख रुपए के नोटों से सजाया गया।
15 साल पहले गणपति-लक्ष्मी की झांकी से शुरू हुआ यह आयोजन अब भव्य रूप ले चुका है। इस बार गणपति को 20, 50, 100, 200 और 500 रुपए के नोटों से सजाया गया। गणपति के सिर पर नोटों का मुकुट, गले में हार, हाथों और चरणों में भी नोटों की सजावट की गई। चार-पांच दिनों की कड़ी मेहनत के बाद कारीगरों ने इस झांकी को आकर्षक बनाया।
इस खास सजावट की तैयारी एक महीने पहले शुरू हो गई थी। आयोजक राजू नागरेचा ने इसे टीम वर्क और उषा मैया के आशीर्वाद का परिणाम बताया।
उन्होंने कहा, “हमारी कोशिश थी कि गणपति की झांकी अनोखी हो और भक्तों को प्रेरणा दे।” गणपति के लखपति रूप को देख भक्तों ने शीश नवाया और प्रार्थना की कि जैसे गणपति लखपति बने, वैसे ही हर भक्त की समृद्धि हो।
इस आयोजन में स्थानीय विधायक महेश कसवाला (Mahesh Kaswala) भी शामिल हुए। उन्होंने गणपति-लक्ष्मी के दर्शन किए और भक्तों के लिए समृद्धि की कामना की।
भक्तों का मानना है कि गणपति बप्पा का यह रूप न केवल आकर्षक है, बल्कि यह देश के उज्ज्वल भविष्य की आशा को भी दर्शाता है।
सावरकुंडला का यह गणेश उत्सव पूरे गुजरात में अनोखा है। जहां देश-दुनिया में गणेश महोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है, वहीं सावरकुंडला के इस आयोजन ने अपनी अलग पहचान बनाई।
भक्तों की प्रार्थना है कि गणपति भगवान का आशीर्वाद बना रहे और हर भारतीय समृद्ध बने।
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