कब है ज्येष्ठ माह का दूसरा बड़ा मंगल? जानिए पूजा मुहूर्त और महत्व

इस दिन लहसुन, प्याज, मांस - मछली, अंडा, नमक, शराब आदि सभी तरह की तामसिक खाद्य पदार्थों का त्याग कर देने चाहिए। मंगलवार को उधार लेना और देना अशुभ माना जाता है। इस दिन सफेद और काले वस्त्रों का भी त्याग कर देना चाहिए।
Hanuman Puja Vidhi : इस दिन हनुमान मंदिर जाकर भगवान को चोला, पीपल के पत्ते में राम नाम लिखकर अर्पित कर सकते हैं। (Wikimedia Commons)
Hanuman Puja Vidhi : इस दिन हनुमान मंदिर जाकर भगवान को चोला, पीपल के पत्ते में राम नाम लिखकर अर्पित कर सकते हैं। (Wikimedia Commons)

Hanuman Puja Vidhi : ज्येष्ठ माह में कुल चार मंगलवार आता है और सभी मंगलवार को बुढ़वा मंगल और बड़ा मंगल कहते हैं। 28 मई 2024 को पहला बड़ा मंगल था और अब 4 जून 2024 मंगलवार के दिन दूसरा बड़ा मंगल रहेगा। इन सभी दिन हनुमान जी के साथ राम जी की भी पूजा का विधान है। तो चलिए जानते हैं कि इस दिन कैसे करें हनुमान जी की पूजा और दूसरे बड़ा मंगलवार का क्या महत्व है?

दक्षिण भारत की मान्यता के अनुसार इन में से किसी एक मंगलवार को प्रभु श्रीराम और हनुमानजी का मिलन हुआ था और किसी एक मंगलवार के दिन हनुमान जी का जन्म। इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से जीवन की सभी दुख-तकलीफें दूर हो जाती हैं।

इन नियमों का करें पालन

इस दिन लहसुन, प्याज, मांस - मछली, अंडा, नमक, शराब आदि सभी तरह की तामसिक खाद्य पदार्थों का त्याग कर देने चाहिए। मंगलवार को उधार लेना और देना अशुभ माना जाता है। इस दिन सफेद और काले वस्त्रों का भी त्याग कर देना चाहिए। इस दिन भूल से भी किसी का अपमान न करें, क्रोध न करें और अपशब्द भी न बोलें। इस दिन हनुमान मंदिर जाकर भगवान को चोला, पीपल के पत्ते में राम नाम लिखकर अर्पित कर सकते हैं। इसके साथ ही बूंदी के लड्डू या फिर बेसन के लड्डू का भोग लगा सकते हैं।

इस दिन भूल से भी किसी का अपमान न करें, क्रोध न करें और अपशब्द भी न बोलें।  (Wikimedia Commons)
इस दिन भूल से भी किसी का अपमान न करें, क्रोध न करें और अपशब्द भी न बोलें। (Wikimedia Commons)

क्या है पूजा विधि

इस दिन सुबह ही स्नान-ध्यान से निवृत हो कर व्रत का संकल्प लें और पूजा की तैयारी करें। इसके बाद हनुमान जी की मूर्ति या चित्र को लाल या पीला कपड़ा बिछाकर लकड़ी के पाट पर रखें और आप खुद कुश के आसन पर शुद्ध और पवित्र वस्त्र पहनकर बैठें। फिर मूर्ति को स्नान कराएं और यदि चित्र है तो उसे अच्छे से साफ करें। इसके बाद धूप, दीप प्रज्वलित करके पूजा प्रारंभ करें। हनुमान जी को अनामिका अंगुली से तिलक लगाएं, सिंदूर अर्पित करें, गंध, चंदन आदि लगाएं और फिर उन्हें हार और फूल चढ़ाएं। हनुमान चालीसा, हनुमान मंत्र आदि का पाठ कर लें। फिर पूजा करने के बाद उन्हें भोग अर्पित करें। अंत में हनुमान जी की आरती उतारें और उनकी आरती करें फिर प्रसाद सभी को बांट दें।

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