Jagannath Rath Yatra 2022: भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा की पूर्व संध्या पर, प्रसिद्ध रेत कलाकार सुदर्शन पटनायक ने गुरुवार को ओडिशा के पुरी समुद्र तट पर 125 रेत रथ और भगवान जगन्नाथ की रेत की मूर्ति बनाई।
पहले से ही 100 रेत रथ बनाने का रिकॉर्ड रखने वाले पटनायक अब पुरी समुद्र तट पर 125 रेत रथ बनाकर लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्डस में एक और रिकॉर्ड बनाने का प्रयास कर रहे हैं।
पटनायक ने अपने रेत कला संस्थान के छात्रों के साथ इन मूर्तियों को पूरा करने में लगभग 14 घंटे का समय लिया।
पटनायक ने कहा कि माना जाता है कि रेत कला की उत्पत्ति 16 वीं शताब्दी में रथ यात्रा के दौरान हुई थी, जिसकी शुरूआत जगन्नाथ के कट्टर भक्त और एक प्रसिद्ध कवि बलराम दास ने की थी, जिन्हें कभी सेवकों द्वारा अपमानित किया गया था और रथ यात्रा के दौरान रथ खींचने की अनुमति नहीं दी गयी थी। फिर वह समुद्र तट पर गया और रेत पर रथों को गढ़ा।
पटनायक ने लोगों से रथ यात्रा के दौरान सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल से बचने और पर्यावरण को साफ रखने की भी अपील की।
इस बीच, आज से शुरू हो रही नौ दिवसीय रथ यात्रा के लिए मंच तैयार होने के साथ ही तीर्थ नगरी पुरी में हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है। कोविड महामारी के कारण दो साल के अंतराल के बाद, भक्तों को इस साल ओडिशा के सबसे बड़े त्योहार को देखने की अनुमति दी गई है।
(आईएएनएस/PS)