छोटी काशी के निराले श्री कृष्ण, उल्टे हाथ में पहनते हैं घड़ी
Jaipur Chhotikashi History: गुलाबी शहर की पहचान ही यहां के ऐेतिहासिक मंदिरों से होती है। मंदिरों की वजह से ही एक शहर को छोटी काशी भी कहते हैं। जयपुर स्थापना से पहले और बाद के कई प्राचीन मंदिर बने हुए है। यहां पर बने मंदिर ज्यादातर राधा-कृष्ण के हैं। हमारे देश में ऐसे कई लोग हैं जो कि भगवान श्री कृष्ण के भक्त हैं। अब तक अपने भगवान श्री कृष्ण के कई रूपों को देखा होगा। लेकिन क्या आपने एक ऐसे श्री कृष्ण को देखा है जिन्होंने हाथ में घड़ी पहना हुआ हैं। दरअसल, आज हम आपको जयपुर में स्थित गोपीनाथ जी मंदिर के बारे में विस्तार से बताएंगे।
छोटी काशी के निराले श्री कृष्ण
राजधानी जयपुर जो गुलाबी शहर के नाम से मशहूर है इसे छोटी काशी भी कहा जाता है। यहां पर भगवान श्री कृष्ण का ऐसा विग्रह है जो हाथ में घड़ी धारण करता है। मान्यताओं के अनुसार इसे श्री कृष्ण के पर पौत्र ने अपनी दादी के कहने पर बनवाया था। जो बाद में वृंदावन से जयपुर लाया गया और यह आज श्रद्धालुओं के बीच गोपीनाथ के रूप में पूजे जाते हैं।
क्या है इस मंदिर का इतिहास
यह मंदिर पुरानी बस्ती में स्थित है। इस मंदिर के महंत सिद्धार्थ गोस्वामी ने बताया कि राजस्थान में मौजूद इस मंदिर में काफी रहस्यमई घटनाएं घटती है। वहीं राजस्थान में श्री कृष्ण के तीन विग्रह करौली के मदन मोहन जी, जयपुर के गोविंद देव जी और गोपीनाथ जी के एक ही शीला से बनाया गया है। मान्यता है कि यह तीनों विग्रह करीब 5000 साल पुराने हैं। इस मंदिर में मौजूद श्री कृष्ण की मूर्ति में प्राण हैं। यह मूर्ति सांस लेती है यानी कि श्री कृष्ण की यह प्रतिमा जीवित स्वरूप में स्थित है।
दादी ने पहनाया घड़ी
महंत ने बताया कि उनकी दादी जी यहां पर जब सेवा करती थी तब एक पल से चलने वाली घड़ी ठाकुर जी को धारण कराई जाती थी,जो सही वक्त भी बताती थी। यहां पर दिन भर में नौ झांकियां निकाली जाती है। सुबह 4:30 पर मंगल झांकी के साथ मंदिर के पट खुलते हैं और भगवान का साथ सिंगार किया जाता है।