श्रीकाशी विश्वनाथ के रात्रि विश्राम के लिए चांदी का नया आसन तैयार किया गया है। बाबा विश्वनाथ अब शयन आरती के बाद नए आसन पर ही रात्रि विश्राम करेंगे। मदुरई के AN सुब्बैह ने तैयार कराया है।
वाराणसी के नाटकोट्टाई नगरम क्षेत्रम संस्था ने शनिवार को श्री काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट को चांदी का पलंग व बिछावन दान किया गया।
वाराणसी में इस संस्था के लोगों ने मिलकर बाबा की शयन आरती के लिए यह व्यवस्था की है। वाराणसी के सिगरा क्षेत्र में इस ट्रस्ट का मंदिर और कार्यालय है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि श्रीकाशी नाटकोंट्टई नगर क्षेत्रम प्रबंध सोसायटी का सिगरा-रथयात्रा मार्ग पर बगीचा है। बीते 300 साल से इसी बगीचे के बेलपत्र बाबा विश्वनाथ को चढ़ाए जाते हैं। यही संस्था बाबा विश्वनाथ की रोजाना होने वाली आरती की व्यवस्था भी करती है। इसके अलावा बाबा विश्वनाथ धाम के अन्नक्षेत्र में श्रद्धालुओं को फ्री प्रसाद की जो व्यवस्था शुरू की गई है। उसका जिम्मा भी इसी सोसायटी के पास है।
बीते दिनों वाराणसी जिला प्रशासन तथा पुलिस कमिश्नरेट ने इस ट्रस्ट की करीब 250 करोड़ रुपए की संपत्ति को अवैध कब्जे से मुक्त कराया था। इस संपत्ति पर दबंगों का करीब 20 वर्ष से कब्जा था। इस संस्था के प्रांगण में दक्षिण भारत से श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन करने के लिए आने वालों को आवास तथा भोजन की सुविधा प्रदान की जाती है।
विश्व कल्याण की कामना के साथ श्री काशी नाटकोंट्टई नगर क्षतरम् मैनेजिंग सोसाइटी की ओर से रथयात्रा स्थित अन्ना मलईयार नंदवनम परिसर में तीन दिन का महारुद्र यज्ञ किया जा रहा है। यज्ञ के लिए 1008 कलश में गंगाजल लाया गया है। यज्ञ का शुभारंभ गो पूजन के साथ किया गया और दक्षिण भारत के 108 वैदिकों द्वारा श्रीसूक्त के मंत्रों की एक लाख आठ आहुतियां की गईं।
24 जुलाई यानी कल यज्ञ पूरा होने के बाद कलश यात्रा निकाल कर अभिमंत्रित गंगाजल से बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक किया जाएगा। फिर, उन्हें चांदी का नया आसन अर्पित किया जाएगा।
श्रीकाशी विश्वनाथ का दर्शन करने वालों की लगातार बढ़ती संख्या के बीच गंगा नदी का जल स्तर लगातार बढने से गंगा द्वार के बंद होने की संभावना बढ़ गई है।
(आईएएनएस/AV)