न्यूज़ग्राम हिंदी: कहते हैं पारिजात का पेड़ समुद्र मंथन में निकला था जिसके बाद इंद्र देव ने स्वर्ग लोक में इसे लगाया। पुराणों के अनुसार इस पारिजात के पेड़ को धरती पर श्री कृष्ण लेके आए थे। नरकासुर का वध करने के बाद इंद्र देव ने कृष्ण को पारिजात के पेड़ का एक फूल भेंट किया था। यह फूल श्री कृष्ण ने रुक्मिणी को दिया जिसके कारण उनकी उम्र लंबी हो गई। यह देख सत्यभामा ने श्री कृष्ण से पूरे पारिजात के पेड़ की जिद्द की। इस पेड़ को लाने के लिए भगवान श्री कृष्ण और इंद्र देव में भीषण युद्ध हुआ। अंततः इंद्र देव को यह पेड़ भगवान श्री कृष्ण को सौंपना ही पड़ा। स्वर्ग से लाए गए इस पेड़ को लगाने का बड़ा महत्व है। आइए जानते हैं इसके लाभ।
माता लक्ष्मी का प्रिय पौधा है पारिजात जिसे हर हरसिंगार भी कहा जाता है। अपने लुभावनी खुशबू के साथ साथ इन फूलों की खास बात यह है कि यह रात में ही खिलते हैं। इसके साथ ही यह अपने आप ही पेड़ से टूटकर गिर जाते हैं। स्वर्ग से आया हुआ पारिजात का यह पेड़ घर में लगाने से घर में शांति बनी रहती है।
कहते हैं हरसिंगार के फूलों की महक में तनाव दूर करने की ताकत होती है। इनकी मनभावन खुशी आपके मानसिक तनाव और परेशानी को कम करने की शक्ति रखती है। घर में हो या घर के आस पास यह महक मन को शांत करने के लिए काफी है। घर के ईशान कोण में पारिजात का पेड़ लगाने से घर की नकरात्मक ऊर्जा सकारात्मक हो जाती है। सुख शांति और परस्पर मेल की भावना परिवार में बनी रहती है और लड़ाई झगडे कम होते हैं।
स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक पारिजात का पेड़ कई बीमारियों से मुक्ति दिलाता है। स्वर्ग से आए हुए इन फूलों को घर में लगाने से माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है और दीर्घायु होने का भी वरदान मिलता है। माता लक्ष्मी को इस पेड़ से खुद टूटकर गिरे हुए फूल चढ़ाना फलदाई होता है।
श्री कृष्ण ने इस पेड़ को गुजरात के द्वारका में लगाया था। 10 से 30 फीट तक की ऊंचाई वाले इस पेड़ को अर्जुन बाद में द्वारका से उठाकर लाए थे। इन हरसिंगार के फूलों का इस्तेमाल आयुर्वेद में भी किया जाता है।
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