Magh Purnima 2024 : माघ के महीने में पड़ने वाली पूर्णिमा को माघी पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। पौष पूर्णिमा से माघ पूर्णिमा के बीच माघ स्नान किया जाता है। माघ पूर्णिमा के दिन सभी सरोवरों, तीर्थस्थानों और नदियों में शुद्धता पूर्वक स्नान करने की बात कही गई है। माघ पूर्णिमा पर अनेक तीर्थ स्थानों के तटों पर मेलों का आयोजन किया जाता है। धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से माघ पूर्णिमा का विशेष महत्व बताया गया है। माघ पूर्णिमा पर किया गया दान-स्नान लंबे समय तक समृद्धि, सुख, धन प्रदान करता है। मृत्यु के बाद व्यक्ति मोक्ष को प्राप्त होता है। माघ पूर्णिमा के दिन चांद की पूजा करता है उसके जीवन में खुशहाली आती है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, 27 नक्षत्रों में एक मघा पूर्णिमा की उत्पत्ति हुई है। माघी पूर्णिमा के महत्व का उल्लेख पौराणिक ग्रंथों में मिलता है, इस दिन भगवान विष्णु और हनुमान जी की विशेष रूप से पूजा करने का विधान है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं, इस दिन गंगा या किसी अन्य पवित्र नदी में स्नान करने से दान पुण्य मिलता है।
माघ पूर्णिमा 24 फरवरी 2024 के दिन है, माघ पूर्णिमा व्रत कर घर में भगवान सत्यनारायण की पूजा और कथा करने का विधान है। माघ पूर्णिमा के दिन प्रयागराज में माघ मेले का समापन होता है। माघ पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 23 फरवरी 2024 की शाम 3 बजकर 36 मिनट पर होगी। वहीं 24 फरवरी की शाम 6 बजकर 3 मिनट पर होगी। माघ पूर्णिमा व्रत 24 फरवरी को रखा जाएगा।
माघ पूर्णिमा के दिन किसी पवित्र नदी, कुआं या बावड़ी में स्नान करना चाहिए। स्नान के बाद सूर्य मंत्र का उच्चारण करते हुए अर्घ्य दें। इसके बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए।इस दिन पीपल के पेड़ पर दूध मिश्रित जल चढ़ाएं और घी का दीपक जलाएं। गरीब व्यक्ति और ब्राह्मणों को भोजन कराकर दान दक्षिणा जरुर देनी चाहिए। इस दिन सफेद और काले तिल का विशेष रूप से दान देना चाहिए। काले तिल में हवन और काले तिल से पितरों का तर्पण करना चाहिए