
Maharishi Dayanand Saraswati Jayanti 2023: जानिए उनके जीवन के बारे में(Wikimedia Commons)
Maharishi Dayanand Saraswati Jayanti 2023
न्यूज़ग्राम हिंदी: आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती(Swami Dayanand Saraswati Jayanti 2023) का जन्म हिंदू पंचांग के अनुसार फागुन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी को हुआ था। इस साल 15 फरवरी को उनकी 200वीं जयंती मनाई जाएगी। अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से यह उनका जन्म 12 फरवरी 1824 को हुआ था। गुजरात के काठियावाड़ के ब्राह्मण परिवार में जन्मे स्वामी दयानंद बचपन से ही प्रतिभावान थें। इनके पिता का नाम कर्षन तिवारी और अमृताबाई था।
बचपन में शिवरात्रि की एक घटना का उनपर इतना असर हुआ कि उन्होंने सच्चे शिव की तलाश में घर छोड़ दिया। मथुरा के स्वामी महात्मा वीरजानंद दंडी इनके गुरु बने और स्वामी दयानंद सरस्वती ने इनसे वेद और ग्रंथों की शिक्षा प्राप्त की। स्वामी दंडी का कहना था कि दयानंद सरस्वती समाज में फैली कुरीतियों और अंधविश्वास को दूर करने के लिए काम करें। समाज में सत्यता और ज्ञान का प्रचार कर सभी को सुमार्ग का रास्ता दिखाएं।
अपने स्वामी की बात मानते हुए दयानंद जी समाज में सत्य और ज्ञान के मार्ग का प्रचार करने लगे। अपने पूरे जीवन उन्होंने जाती व्यवस्था का विरोध किया और कर्म की व्यवस्था का समर्थन। देश की आज़ादी में भी इनका बड़ा योगदान था। समाज सुधारक होने के साथ साथ स्वामी दयानंद लेखक भी थे। उन्होंने सत्यार्थ प्रकाश नाम की अपनी किताब में अपने विचार लिखे। 1875 में वैदिक ज्ञान के प्रचार के लिए उन्होंने आर्य समाज की स्थापना मुंबई में की। सुमार्ग पर चलने वाले स्वामी जी को बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ा लेकिन वे कभी भी अपने पथ से विचलित नहीं हुए। अपने पूरे जीवन काल में उन्होंने समाज में सत्य और ज्ञान और कुरीतियों को समाप्त करने के लिए कार्य किया।
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