कब है साल की पहली मासिक कृष्ण जन्माष्टमी ? जानें क्या है पूजा विधि ?

बहुत कम लोगों को पता है कि हर महीने भी मासिक कृष्ण जन्माष्टमी आती है। इस दिन संतान प्राप्ति के लिए खास दिन माना जाता है।
Masik Krishna Janmashtami - जनवरी 2024 में पौष मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 03 जनवरी 2024 को शाम 07 बजकर 48 मिनट से शुरू हो रही है ।(Wikimedia Commons)
Masik Krishna Janmashtami - जनवरी 2024 में पौष मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 03 जनवरी 2024 को शाम 07 बजकर 48 मिनट से शुरू हो रही है ।(Wikimedia Commons)
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Masik Krishna Janmashtami - अगर बात की जाएं जन्माष्टमी की तो लोग हर साल इस दिन लड्डू गोपाल की खास पूजा करते हैं। लेकिन बहुत कम लोगों को पता है कि हर महीने भी मासिक कृष्ण जन्माष्टमी आती है। इस दिन संतान प्राप्ति के लिए खास दिन माना जाता है।

कृष्ण जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त

जनवरी 2024 में पौष मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 03 जनवरी 2024 को शाम 07 बजकर 48 मिनट से शुरू हो रही है और 04 जनवरी 2024 को रात 10 बजकर 04 मिनट पर समाप्त होगी। मान्यताओं के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म निशा काल में हुआ था।

भगवान कृष्ण ने कंस का वध करके प्रजाको उसके अत्याचारों से मुक्ति दिलायी। (Wikimedia Commons)
भगवान कृष्ण ने कंस का वध करके प्रजाको उसके अत्याचारों से मुक्ति दिलायी। (Wikimedia Commons)

मासिक कृष्ण जन्माष्टमी की कथा

हिन्दू धर्म के लिए मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का दिन बेहद महत्वपूर्ण होता है। इस दिन बहुत से लोग व्रत रखकर भगवान कृष्ण को प्रसन्न करने के लिए उनकी पूजा अर्चना करते हैं। हिन्दू धर्म कथाओं के अनुसार भगवान कृष्ण वसुदेव और देवकी के आठवें पुत्र हैं, और उनसे पहले अन्य सभी सात पुत्रों को उनके मामा राजा कंस ने मार डाला था। आठवें पुत्र को देवताओं ने आशीर्वाद दिया और भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में राजा कंस के कारागार में देवकी के गर्भ से भगवान कृष्ण का अवतार हुआ। हिन्दू धर्म पुराणों में उल्लेखित है,कि भगवान कृष्ण के जन्म के बाद जेल के सभी ताले अपने आप खुल गए और सारे पहरेदार सो गए थे। इसके बाद वासुदेव नन्द गांव पहुंचे और भगवान कृष्ण के साथ उफनती यमुना नदी को पार किया और नंद बाबा ने यशोदा को भगवान कृष्ण को सौंप दिया। बाद में भगवान कृष्ण ने कंस का वध करके प्रजाको उसके अत्याचारों से मुक्ति दिलायी। कृष्ण जन्माष्टमी का यह त्योहार कंस की क्रूरता, देवकी और नंदबाबा के संघर्ष की याद दिलाता है।

लड्डू गोपाल जी को मिश्री-माखन का भोग लगाना ना भुलें। (Wikimedia Commons)
लड्डू गोपाल जी को मिश्री-माखन का भोग लगाना ना भुलें। (Wikimedia Commons)

क्या है मासिक कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा विधि?

इस खास दिन पर भगवान श्री कृष्ण की पूजा करने के लिए सबसे पहले सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें। इसके बाद लड्डू गोपाल को दक्षिणावर्ती शंख में पंचामृत डालकर अभिषेक कराएं। इसके बाद लड्डू गोपाल को उनकी प्रिय मोर पंख और बासुरी, जैसी चीजें चढ़ाएं। लड्डू गोपाल जी को मिश्री-माखन का भोग लगाना ना भुलें।

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