सभी पापों से मुक्ति दिलाता है पापमोचनी एकादशी, जानें क्या है पूजा विधि और मुहूर्त

इस दिन विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। एकादशी व्रत करने से भक्तों को सभी तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है और मृत्यु के बाद उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।
Papmochani Ekadashi 2024 : चैत्र मास के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को पापमोचनी एकादशी के नाम से जाना जाता है।(Wikimedia Commons)
Papmochani Ekadashi 2024 : चैत्र मास के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को पापमोचनी एकादशी के नाम से जाना जाता है।(Wikimedia Commons)

Papmochani Ekadashi 2024 : एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है। इस दिन विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। एकादशी व्रत करने से भक्तों को सभी तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है और मृत्यु के बाद उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। चैत्र मास के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को पापमोचनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। आइए जानते हैं पापमोचिनी एकादशी की तिथि और पूजा विधि।

क्या है शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, चैत्र माह की कृष्ण एकादशी तिथि 04 अप्रैल 2024 को दोपहर 04 बजकर 14 मिनट पर शुरू हो रही है। वहीं, इस तिथि का समापन 05 अप्रैल को दोपहर 01 बजकर 28 मिनट पर होने जा रहा है। ऐसे में पापमोचनी एकादशी का व्रत 05 अप्रैल शुक्रवार के दिन रखा जाएगा।

पापमोचनी एकादशी के दिन तुलसी के पौधे की पूजा करें और तुलसी जी के समक्ष घी का दीपक जलाएं।(Wikimedia Commons)
पापमोचनी एकादशी के दिन तुलसी के पौधे की पूजा करें और तुलसी जी के समक्ष घी का दीपक जलाएं।(Wikimedia Commons)

पूजा विधि

इस दिन सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं इसके बाद अपने घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें फिर उनको पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें। यदि संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें। भगवान की आरती करें इसके बाद भगवान को भोग लगाएं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें। ऐसा माना जाता है कि बिना तुलसी के भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते हैं। इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें।

इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान और भजन करना चाहिए। सनातन धर्म में विष्णु जी की प्रिय तुलसी जी को मां लक्ष्मी जी के रूप माना गया है। ऐसे में पापमोचनी एकादशी के दिन तुलसी के पौधे की पूजा करें और तुलसी जी के समक्ष घी का दीपक जलाएं। ऐसा करने से साधक को विष्णु जी के साथ-साथ माता लक्ष्मी का भी आशीर्वाद प्राप्त हो सकता है।

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