
Ravidas Jayanti 2023: जानिए महान समाज सुधारक गुरु रविदास के बारे में(Wikimedia Commons)
Ravidas Jayanti
न्यूज़ग्राम हिंदी: भक्तिकालीन संत गुरु रविदास का जन्म माघ के पूर्णिमा को उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर के गोवर्धनपुर गांव में सन 1376 ईस्वी को हुआ था। ऐसा मानना है कि रविवार को पैदा होने के कारण उनका नाम रविदास पड़ा। इस साल रविदास जयंती 5 फरवरी को मनाई जाएगी। आइए जानते हैं इनके जीवन के बारे में।
महान समाज सुधारक रविदास जी को उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश में रैदास के नाम से भी जाना जाता है। इनके जन्म के दौरान उत्तर भारत में मुगलों का शासन था और चारों ओर हिंदुओं का धर्म परिवर्तन चल रहा था। इसके साथ ही अधर्म का प्रकोप भी बढ़ा हुआ था, ऐसे में गुरु रविदास ने सभी को सही मार्ग पर लाने के लिए कार्य किया। समाज में फैली कुरीतियों और बुराइयों का भी जमकर विरोध किया। गुरु रविदास के लाखों भक्त थे जो उन्हें बहुत मानते थे।
Ravidas Jayanti 2023: जानिए महान समाज सुधारक गुरु रविदास के बारे में(Wikimedia Commons)
Ravidas Jayanti
उनकी मुलाकात एक बार सदना पीर नामक व्यक्ति से हुई जिसने उन्हें धर्म परिवर्तन करने की सलाह दी हालांकि गुरु रविदास ने ऐसा नहीं किया और बताया कि सबसे बड़ा धर्म मानवता का है। वे हमेशा लोगों को अपने संदेश कविताओं के रूप में सुनाते थें। वे अक्सर कविताएं ब्रज और उर्दू की भाषा में लिखते थे। ऐसा कहा जाता है कि महान कृष्ण उपासक मीरा भी इन्हीं की शिष्या थीं। इसके साथ ही चित्तौड़ के राणा सांगा की पत्नी झाली रानी भी इनकी शिष्या थीं। इनके द्वारा रचित छंदों को गुरु ग्रंथ में शामिल किया गया है।
गुरु रविदास हमेशा से ही मानवता के धर्म को ही सर्वोपर्री मानते थे। ऐसा उन्होंने अपने उपदेश में भी कहा है। उनकी एक रचना इस प्रकार हैं-
मन ही पूजा मन ही धूप,
मन ही सेऊं सहज स्वरूप।।
अर्थात् गुरु रविदास जी कहते हैं कि साफ़ मन में ही ईश्वर वास करते हैं। अगर आपके मन में किसी के प्रति बैर भाव नहीं है, कोई लालच या द्वेष नहीं है तो आपका मन में ही ईश्वर का मंदिर, दीपक और धूप है।
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