कब है अनंत चतुर्दशी? जाने अनंत चतुर्दशी से जुड़ी पूरी जानकारी और ईसके महत्व

अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश जी की मूर्ति का विसर्जन भी होता है। अनंत चतुर्दशी के दिन विष्णु जी की पूजा उपासना के बाद उन्हें रक्षा सूत्र बांधा जाता है
Religion:- हर साल भाद्रपद महा शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को अनंत चतुर्दशी मनाया जाता है। [Pixabay]
Religion:- हर साल भाद्रपद महा शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को अनंत चतुर्दशी मनाया जाता है। [Pixabay]

Religion:- हर साल भाद्रपद महा शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को अनंत चतुर्दशी मनाया जाता है। इस साल 28 सितंबर का दिन अनंत चतुर्दशी के लिए सबसे शुभ है। इस विशेष दिन पर मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है। इस खास मौके पर व्रत रखना बेहद शुभ माना जाता है। अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश जी की मूर्ति का विसर्जन भी होता है। अनंत चतुर्दशी के दिन विष्णु जी की पूजा उपासना के बाद उन्हें रक्षा सूत्र बांधा जाता है धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से भक्तों के सभी बिगड़ते कम बनने लगते हैं और शुभ कार्यों में आने वाली बढ़ाएं दूर हो जाती हैं। तो चलिए अनंत चतुर्दशी से जुड़ी आपको पूरी खबर देते हैं। 

कब है अनंत चतुर्दशी

वैदिक पंचांग के अनुसार इस साल भाद्रपद महा शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि का आरंभ 27 सितंबर को रात 10:18 पर होगा और 28 सितंबर को शाम 6:49 पर समाप्त होगा इसलिए उदय तिथि के अनुसार 28 सितंबर को अनंत चतुर्दशी मनाया जा रहा है। 

क्यों मनाया जाता है अनंत चतुर्दशी

अनंत चतुर्दशी की खासियत के पीछे एक रोचक कहानी है। पौराणिक कथा के मुताबिक इस दिन भगवान विष्णु ने 14 लोगों की रक्षा करने के लिए 14 रूप धारण किए थे। इसलिए यह पर वह खास माना जाता है यही वजह है कि इस दिन विष्णु जी के अनंत रूपों की पूजा की जाती है साथ ही 14 गांठ वाला सूत्र कलाई पर बांधा जाता है। 

अनंत चतुर्दशी व्रत का बेहद लाभकारी मान्यता है। [Pixabay]
अनंत चतुर्दशी व्रत का बेहद लाभकारी मान्यता है। [Pixabay]

महत्त्व

अनंत चतुर्दशी के दिन श्री हरी और मां लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यता है कि लंबे समय से बीमारी से जूझ रहे लोगों को अनंत चतुर्दशी का व्रत जरूर रखना चाहिए। साथी ग्रह कलेश से छुटकारा पाने और घर की सुख शांति के लिए भी अनंत चतुर्दशी व्रत का बेहद लाभकारी मान्यता है। यह व्रत धन-धनी और सुख संपदा में बढ़ोतरी के लिए भी किया जाता है। अनंत चतुर्दशी के दिन श्री विष्णु सहस्त्रनाम स्त्रोत का पाठ करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। 

कैसे करें पूजा

साधु संतु के अनुसार अनंत चतुर्दशी के दिन सुबह उठकर नहा धोकर व्रत का संकल्प लेना चाहिए। जिन्हें अनंत चतुर्दशी का व्रत करना है वह अपने व्रत की शुरुआत कर मंदिर में या फिर घर में अनंत चतुर्दशी की पूजा करें। घर पर पूजा करने के लिए पूजा घर की अच्छे से सफाई कर गंगाजल का छिड़काव जरूर करें और कलश की स्थापना करें। इसके बाद अनंत सूत्र तैयार करने के लिए एक धागे को कुमकुम केसर और हल्दी से रंग कर इसमें 14 गांठ लगाकर इसे भगवान विष्णु की तस्वीर के सामने चढ़ा दे।

पुरुष हैं तो अनंत सूत्र को दाएं हाथ में और महिला है तो बाएं हाथ में सूत्र को बांधे [Wikimedia Commons}
पुरुष हैं तो अनंत सूत्र को दाएं हाथ में और महिला है तो बाएं हाथ में सूत्र को बांधे [Wikimedia Commons}

इसके बाद हल्दी अक्षत, फूल, फल आदि से भगवान की पूजा करें और पूजा में अनंत चतुर्दशी की व्रत कथा पड़े और भगवान की आरती करें। ध्यान देने वाली बात है कि यदि आप पुरुष हैं तो अनंत सूत्र को दाएं हाथ में और महिला है तो बाएं हाथ में सूत्र को बांधे इसके बाद ब्राह्मण को भोजन करने या दान देने की बाद ही प्रसाद ग्रहण करें।

Related Stories

No stories found.
logo
hindi.newsgram.com