षटतिला एकादशी के दिन क्यों होता है तिल का उपयोग? जानें कब है और क्या है शुभ मुहूर्त?

हिंदू पंचांग के अनुसार, एक माह में दो एकादशी व्रत होते हैं और सभी का अपना अलग धार्मिक महत्व है इसबार 6 फरवरी को षटतिला एकादशी व्रत है।
Shattila Ekadashi 2024 : भक्त कठोर व्रत रखते हैं और एकादशी के इस शुभ दिन पर भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। (Wikimedia Commons)
Shattila Ekadashi 2024 : भक्त कठोर व्रत रखते हैं और एकादशी के इस शुभ दिन पर भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। (Wikimedia Commons)
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Shattila Ekadashi 2024 : हिंदू धर्म में एकादशी को प्रमुख और महत्वपूर्ण दिनों में से एक माना जाता है। यह दिन भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित होता है। सभी भक्त कठोर व्रत रखते हैं और कुछ भक्त निर्जला व्रत उपवास रखते हैं या वे केवल फलों का सेवन करते हैं और एकादशी के इस शुभ दिन पर भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, एक माह में दो एकादशी व्रत होते हैं और सभी का अपना अलग धार्मिक महत्व है उसी प्रकार इसबार 6 फरवरी को षटतिला एकादशी व्रत है। आइए विस्तार से जानते है षटतिला एकादशी के बारे में ।

कब है शुभ मुहूर्त ?

हर साल षटतिला एकादशी व्रत माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी के दिन पड़ती है। ऐसे में पंचांग के अनुसार षटतिला एकादशी 06 फरवरी 2024, मंगलवार को मनाई जाएगी। षटतिला एकादशी व्रत का आरंभ 05 फरवरी 2024 शाम 05:25 बजे हो जाएगा और इस तिथि का समापन 06 फरवरी 2024 शाम 04:07 बजे। इस दिन अभिजीत मुहूर्त का समय दोपहर 12:18 बजे से लेकर दोपहर 01:02 बजे तक रहेगा। बात करें ब्रह्म मुहूर्त की तो यह सुबह 05:32 बजे से 06:20 बजे तक रहेगा।

 षटतिला एकादशी के दिन तिल का दान किया जाए तो मनुष्य की मृत्यु के बाद उन्हें बैकुंठ की प्राप्ति होती है। (Wikimedia Commons)
षटतिला एकादशी के दिन तिल का दान किया जाए तो मनुष्य की मृत्यु के बाद उन्हें बैकुंठ की प्राप्ति होती है। (Wikimedia Commons)

षटतिला एकादशी का महत्व

षटतिला एकादशी के दिन भगवान विष्णु को विशेष कर तिल का भोग लगाना शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यताएं है कि यदि मकर संक्रांति की तरह षटतिला एकादशी के दिन भी तिल का दान किया जाए तो मनुष्य की मृत्यु के बाद उन्हें बैकुंठ की प्राप्ति होती है। भक्तों के समस्त कष्ट से छुटकारा मिल जाता है और मां लक्ष्मी की कृपा भी बनी रहती है,धन की कमी नहीं होती है।

षटतिला एकादशी के दिन तिल का 6 तरह से इस्तेमाल कर सकते हैं। जल से तिल डालकर स्नान, तिल का दान, तिल का सेवन करें, तिल से तर्पण, हवन में तिल अर्पित करने के साथ तिल का सेवन करें। इस दिन काली गाय का दान करने से नवग्रहों को शांति मिलती है इसलिए नवग्रहों की शांति के लिए षटतिला एकादशी के दिन यदि हो सके तो गौ दान जरूर करें। षटतिला एकादशी के दिन काली गाय के दान से शनि का कुप्रभाव भी कम होता है।

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