Somvati Amavasya 2024 : हिंदू धर्म के व्रत और पर्व में अमावस्या का विशेष स्थान है। नए साल 2024 में कुल 13 अमावस्या आने वाली हैं, जिसमें 3 सोमवती अमावस्या पड़ेंगी। चैत्र मास की अमावस्या का शास्त्रों में बहुत ही खास महत्व माना गया है और जब यह सोमवार को पड़ती है, तो इसका धार्मिक महत्व और भी बढ़ जाता है। सोमवती अमावस्या के दिन स्नान और दान के अलावा व्रत रखकर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। सोमवती अमावस्या पर महिलाएं पति की दीर्घायु के लिए व्रत करती हैं और बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं। आइए जानते हैं कि साल की पहली सोमवती अमावस्या किस दिन है।
सोमवती अमावस्या 8 अप्रैल को सुबह 8 बजकर 21 मिनट से शुरू होगी और रात को 11 बजकर 50 मिनट तक मान्य होगी इसलिए सोमवती अमावस्या का व्रत 8 अप्रैल दिन सोमवार को रखा जाएगा। इसी दिन चैत्र अमावस्या का भी व्रत रखा जाएगा। 8 अप्रैल को सोमवती अमावस्या का स्नान और दान ब्रह्म मुहूर्त में 4 बजकर 32 मिनट से लेकर 5 बजकर 18 मिनट तक होगा।
सोमवती अमावस्या के दिन अधिकांश रूप से सुहागिन महिलाएं व्रत करके भगवान शिव के साथ माता पार्वती की पूजा करती हैं और सुहाग की सामग्री मां पार्वती को अर्पित करती है। सभी सुहागन मां पार्वती से अपने अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मांगती हैं। मान्यता है कि इस व्रत को करने से वैवाहिक जीवन की सारी समस्याएं दूर होती हैं और परिवार में सुख शांति बढ़ती है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान करके दान पुण्य करने से आपको पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
सोमवती अमावस्या के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठ कर स्नान करके व्रत करने का संकल्प लें और शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग का जलाभिषेक करें। इसके बाद अक्षत, बेलपत्र, भांग, मदार, धूप, दीप, शहद, नैवेद्य अर्पित करें। इसके साथ ही माता पार्वती को सिंदूर, फूल, फल, धूप, दीप और सुहाग की सामग्री अर्पित करें। सभी सामग्री अर्पित करने के बाद आरती करें और शिव चालीसा का पाठ करें। इस दिन महिलाएं बरगद के पेड़ के चारों ओर परिक्रमा करके कच्चा सूत का धागा पर उस पर लपेटती हैं और पति की लंबी आयु के लिए प्रार्थना करती हैं।