भगवान बुद्ध के ननिहाल देवदह की बदलेगी सूरत

अहिंसा के दर्शन से दुनिया को नई राह दिखाने वाले जनपद महराजगंज में पड़ने वाले भगवान बुद्ध के ननिहाल देवदह की सूरत बदलने जा रही है।
भगवान बुद्ध के ननिहाल देवदह की बदलेगी सूरत
भगवान बुद्ध के ननिहाल देवदह की बदलेगी सूरतभगवान बुद्ध ननिहाल (IANS)

अहिंसा के दर्शन से दुनिया को नई राह दिखाने वाले जनपद महराजगंज में पड़ने वाले भगवान बुद्ध के ननिहाल देवदह की सूरत बदलने जा रही है। देवदह के पड़ोस में ही स्थित उनकी पत्नी यशोधरा के ननिहाल रामग्राम का भी कायाकल्प किया जाएगा। योगी सरकार ने इसको लेकर मास्टर प्लान बनाया है। इस स्थल को पर्यटक स्थल के तौर पर विकसित करने के साथ ही सरकार नई पर्यटन नीति के तहत इसको 'इको टूरिज्म' से भी जोड़ने जा रही है। इससे इस क्षेत्र के लोगों को रोजगार के नए अवसर उपलब्ध होंगे। साथ इसको नई पहचान भी मिलेगी।

योगी सरकार की मंशा है कि सिद्धार्थ के चरण रज से गौरवान्वित सभी स्थल वैश्विक पर्यटन का केंद्र बनें। इसके लिए एक तरफ जहां सरकार भगवान बुद्ध से जुड़े स्थलों को बौद्ध से जोड़ रही है, वहीं दूसरी तरफ जो स्थल नहीं जुड़ पाएं हैं उनका अलग से विकास करा रही है। इसी के तहत देवदह का सुन्दरीकरण करने के साथ ही सरकार उनकी पत्नी यशोधरा की ननिहाल रामग्राम का भी सम्पूर्ण विकास करने जा रही है।

भगवान बुद्ध और उनकी पत्नी यशोधरा के ननिहाल से जुड़े इन दोनों स्थलों के कायाकल्प के लिए सरकार 11 करोड़ से ज्यादा ज्यादा की धनराशि खर्च करने जा रही है। इस योजना में देवदह के लिए लगभग तीन करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। वहीं यशोधरा के ननिहाल के विकास के लिए 8 करोड़ रुपये से ज्यादा के बजट का आवंटन हुआ है। इसके तहत इन दोनों स्थानों को जिला मुख्यालय से जोड़ा जाएगा। साथ ही यहां पड़ने वाले सोनाड़ी देवी मंदिर, कुटी, शिव मंदिर, समाधि स्थल और हनुमान मंदिर का सुन्दरीकरण किया जाएगा।

योजना के तहत देवदह और रामग्राम को बौद्ध से जोड़ा जाएगा। इसके साथ ही इन स्थलों का सम्पूर्ण विकास करते हुए पाकिर्ंग, मेडिटेशन हॉल, रिसेप्शन और वेटिंग रूम, 4 गेस्ट रूम, गार्डन के साथ 1 बीएचके सुइट, सार्वजनिक शौचालय, कैफेटेरिया ब्लॉक और पर्यटकों से जुड़ी अन्य सविधाएं मौजूद रहेंगी। साथ ही वहां पहले से मौजूद 85000 स्क्वायर मीटर से ज्यादा क्षेत्र के तालाब को पुनर्जीवित कर उसका सुन्दरीकरण किया जाएगा।

यही नहीं प्रदेश सरकार इन दोनों स्थलों को अपनी नई पर्यटन नीति 2022-2032 के तहत ईको टूरिज्म से जोड़ेगी। इसके तहत सोहगी बरवा वन क्षेत्र से इन्हें जोड़ा जाएगा। इससे यहां आने वाले पर्यटक एक साथ प्रकृति, संस्कृति, धर्म, रोमांच का आनंद ले पाएंगे। यहां के लोगों को रोजगार से जोड़ने के लिए सरकार नेचर गाइड के रूप में उन्हें प्रशिक्षित भी करेगी।

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प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम कहते हैं कि प्रदेश सरकार आने वाली नई पर्यटन नीति में इको टूरिज्म को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए इको टूरिज्म बोर्ड का गठन भी किया जाएगा। इस तैयारी में पर्यटन विभाग के साथ सिंचाई, वन, आयुष, ग्राम्य विकास और अन्य संबंधित विभागों की भी अहम भागीदारी होगी। टूरिज्म बोर्ड मुख्यमंत्री योगी के नेचर, कल्चर और एडवेंचर के मंत्र के साथ प्रदेश के वन क्षेत्र को सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासतों को आपस में जोड़ेगा।

(आईएएनएस/AV)

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