
वास्तु शास्त्र की इन बातों को मानकर पिता पुत्र की अनबन हो सकती है दूर
वास्तु टिप्स (सांकेतिक /Wikimedia Commons)
न्यूज़ग्राम हिंदी : जीवन में वास्तु शास्त्र का पालन करना बहुत ज़रूरी है।इसमें जीवन की सुख, शांति और समृद्धि के लिए कई ऐसे नियम बताए गए हैं। यदि इन नियमों को सही से ना माना जाए तो घर में अशांति और कलह हो सकता है।ऐसे में वास्तु शास्त्र पर ध्यान देना ज़रूरी है।
यदि पिता और पुत्र में बार बार छोटी बातों को लेकर अनबन बनी रहती है तो कई बार इसका कारण वास्तु दोष भी हो सकता है। वास्तु के नियमों को ना मानने से पिता पुत्र के रिश्ते में खटास भी आती है। इसलिए शास्त्र की कुछ बातों का ध्यान में रखकर आप घर में हो रहे लड़ाई झगड़े से बाख सकते हैं।
वास्तु शास्त्र में पिता पुत्र के बीच अनबन का सबसे बड़ा कारण है घर के उत्तरी-पूर्वी कोने का दूषित होना।ऐसे में रिश्तों में सुधार लाने के लिए घर के इस कोने को साफ़ रखना चाहिए। साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि कूड़ेदान उत्तरी-पूर्वी कोने में ना हो।
घर के इस कोने के टूटने से घर के सदस्यों में अनबन बनी रहती है इसलिए ध्यान रखें कि यह कोना ठीक रहे।
वास्तु शास्त्र के अनुसार उत्तरी-पूर्वी दिशा में रसोई घर या शौचालय बनवाने से पारिवारिक संबंधों और स्वास्थ्य पर असर पड़ता है।
प्लॉट उत्तर व दक्षिण में तंग तथा पूर्व व पश्चिम में लंबा हो तो ऐसे स्थान को सूर्यभेदी कहते हैं। ऐसे स्थानों पर रहने से बेटे और पिता के मध्य लड़ाई-झगड़े होते रहते हैं। ऐसे स्थानों पर घर ना बनाएं।
VS