चैत्र विनायक चतुर्थी पर गणेश जी को इस प्रकार करें प्रसन्न, जीवन के सभी दुख हो जाएंगे दूर

विनायक चतुर्थी व्रत की पूजा दोपहर के समय में की जाती है, जो व्यक्ति इस दिन व्रत रखकर गणेश जी का पूजा करता है, उसके सभी दुख दूर होते हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। उसके जीवन में सुख और समृद्धि बढ़ती है।
Vinayak Chaturthi April 2024 :गणेश जी जिस भक्त से प्रसन्न हो जाते हैं, उस भक्त के रुके हुए काम को बना देते हैं  (Wikimedia Commons)
Vinayak Chaturthi April 2024 :गणेश जी जिस भक्त से प्रसन्न हो जाते हैं, उस भक्त के रुके हुए काम को बना देते हैं (Wikimedia Commons)
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Vinayak Chaturthi April 2024 : अप्रैल माह में आने वाला विनायक चतुर्थी व्रत चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाएगा। विनायक चतुर्थी व्रत की पूजा दोपहर के समय में की जाती है, जो व्यक्ति इस दिन व्रत रखकर गणेश जी का पूजा करता है, उसके सभी दुख दूर होते हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। उनके जीवन में सुख और समृद्धि बढ़ती है। विनायक चतुर्थी के दिन चंद्रमा का दर्शन वर्जित माना जाता है। इस दिन गणेश जी की पूजा सौभाग्य योग में की जाएगी। आइए जानते हैं विनायक चतुर्थी व्रत कब है? तथा शुभ मुहूर्त क्या है?

कब है विनायक चतुर्थी ?

वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 11 अप्रैल दिन गुरुवार को दोपहर 03 बजकर 03 मिनट से प्रारंभ होगी। इस तिथि का समापन 12 अप्रैल शुक्रवार को दोपहर 01 बजकर 11 मिनट पर होगा। हमारे हिंदू धर्म में उदयातिथि का बहुत महत्व है इसी कारण विनायक चतुर्थी व्रत 12 अप्रैल शुक्रवार को रखा जाएगा।पूजा मुहूर्त

12 अप्रैल को विनायक चतुर्थी के दिन गणेश पूजा का शुभ मुहूर्त 11 बजकर 05 मिनट से दोपहर 01 बजकर 11 मिनट तक है। उस दिन पूजा के लिए 2 घंटे से अधिक का समय प्राप्त होगा। चैत्र की विनायक चतुर्थी सौभाग्य योग और रोहिणी नक्षत्र में है। उस दिन सौभाग्य योग प्रात:काल से लेकर 13 अप्रैल को 02 बजकर 13 एएम तक है। ऐसे ही रोहिणी नक्षत्र प्रात: काल से लेकर देर रात 12 बजकर 51 मिनट तक है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गणेश चालीसा का पाठ करने से गणेश जी प्रसन्न होते हैं और जीवन के विघ्न दूर करते हैं।(Wikimedia Commons)
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गणेश चालीसा का पाठ करने से गणेश जी प्रसन्न होते हैं और जीवन के विघ्न दूर करते हैं।(Wikimedia Commons)

विनायक चतुर्थी पर स्वर्ग की भद्रा सुबह 05 बजकर 59 मिनट से लग जाएगी और उसका समापन दोपहर में 01 बजकर 11 मिनट पर होगा। इस भद्रा का वास स्वर्ग में है, इसलिए इसका दुष्प्रभाव पृथ्वी पर नहीं होगा।

विनायक चतुर्थी व्रत का पूजा विधि

सभी जानते हैं गणेश जी को दुखहर्ता के नाम से जाना जाता है, गणेश जी जिस भक्त से प्रसन्न हो जाते हैं, उस भक्त के रुके हुए काम को बना देते हैं। इस दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे कपड़े धारण कर लें। इसके बाद चौकी पर एक कपड़ा बिछाकर गणेश जी की मूर्ति को स्थापित करें। इसके बाद गणेश जी के सामने घी का दीपक जलाएं और फूल-फल, उनकी प्रिय चीजें अर्पित करें। इसके बाद गणेश जी की चालीसा, आरती, मंत्रों का जाप करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गणेश चालीसा का पाठ करने से गणेश जी प्रसन्न होते हैं और जीवन के विघ्न दूर करते हैं।

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