क्यों कहते हैं पन्नाकम को 'राम जी का प्रसाद'? जानिए इस पेय से जुड़ी पवित्र कहानी

पन्नाकम (Pannakam) एक भारतीय पेय है, जो खास तौर पर भगवान राम की प्रिय मानी जाती है। यह आमतौर पर दक्षिण भारत (South India) में बनाया जाता है, खासकर कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में।
इस पेय पदार्थ को आज राम जी का प्रसाद के नाम से भी जानतें है। [Pixabay]
इस पेय पदार्थ को आज राम जी का प्रसाद के नाम से भी जानतें है। [Pixabay]
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भगवान श्री राम को मर्यादा पुरूषोतम भी कहा जाता है।श्रीराम का जीवन आदर्श, संयम, और धर्म की मिसाल है।श्रीराम की कथा ‘रामायण’ में विस्तार से मिलती है, जिसे आज भी हर घर में श्रद्धा से पढ़ा जाता है। वे सिर्फ एक राजा नहीं, बल्कि हर युग के लिए प्रेरणा हैं। लेकिन क्या आप जानतें है कि भगवान श्री राम जो सभी के लिए एक आदर्श है और उनका जीवन सभी को प्रेरणा देता है उनकी एक सबसे प्रिय चीज़ है जिसे पन्नाकम (Pannakam) कहते हैं? वैसे तो यह एक पेय पदार्थ है लेकिन भगवान श्री राम को यह बेहद ही पसंद था और इसीलिए इस पेय पदार्थ को आज राम जी का प्रसाद के नाम से भी जानतें है। तो आइए आज हम पन्नाकम के बारे में जानतें है और समझते है कि आखिर भगवान राम को यह इतना प्रिय क्यों हैं?

क्या है पन्नाकम और क्या है इसका इतिहास?

पन्नाकम (Pannakam) एक भारतीय पेय है, जो खास तौर पर भगवान राम की प्रिय मानी जाती है। यह आमतौर पर दक्षिण भारत (South India) में बनाया जाता है, खासकर कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में। जैसे सर्दी जुकाम होने पर अक्सर हमें काढ़ा पीने के लिए कहा जाता है जो हमारे शरीर के अंदर के बैड बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करता है, कुछ इसी प्रकार से पन्नाकम (Pannakam) का भी शारीरिक महत्व बहुत अधिक है। इसके साथ ही भगवान श्री राम को यह अत्यंत प्रिय होने के कारण इसका धार्मिक महत्व ( Religious Importance) भी काफ़ी बढ़ जाता है। आज भी रामनवमी के समय में पन्नाकम एक प्रसाद के रूप में परोसा जाता है। एक पौराणिक कथा के अनुसार जब भगवान श्री राम अपने भाई लक्ष्मण जी और पत्नी सीता जी के साथ वनवास में थे, तब एक ऋषि के आश्रम गए। ऋषि के आश्रम में पहुंचने के बाद उन्हें वहां पर पन्नाकम (Pannakam) परोसा गया और वह भगवान श्री राम को बेहद पसंद आया। तभी से पन्नाकम का धार्मिक महत्व बढ़ गया और हर साल रामनवमी के समय इसका सेवन किया जाता है और प्रसाद के रूप में से परोसा जाता है।

यह आमतौर पर दक्षिण भारत में बनाया जाता है, खासकर कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में। [Pixabay]
यह आमतौर पर दक्षिण भारत में बनाया जाता है, खासकर कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में। [Pixabay]

पन्नाकम का महत्त्व

पन्नाकम (Pannakam) को पनाकम भी कहा जाता है। यह दक्षिण भारत का एक पारंपरिक पेय है, जो गुड़, पानी, इलायची, सोंठ और नींबू के रस से बनाया जाता है। यह मुख्य रूप से गर्मियों में और मंदिरों में प्रसाद के रूप में दिया जाता है, खासकर श्री रामनवमी के दौरान। पन्नाकम (Pannakam) पीने से शरीर को ठंडक मिलती है और यह गर्मी से राहत दिलाने में मदद करता है। इस पेय पदार्थ के कई महत्व है :


पारंपरिक महत्त्व


पन्नाकम (Pannakam) दक्षिण भारत में मुख्य रूप से प्रचलित है खासकर कर्नाटक और आंध्र प्रदेश जैसे शहरों में पन्नाकम (Pannakam) का इस्तेमाल भरपूर मात्रा में किया जाता है। दक्षिण भारत के लोग इस पेय पदार्थ को सदियों से बनाते और इसका सेवन करते आए हैं। इस पेय पदार्थ का सेवन कई बार प्रसाद के रूप में और शादी विवाह जैसे अवसरों पर भी किया जाता है। यह एक परंपरा के रूप में भी अपनाया गया है, दक्षिण भारत के लोग किसी खास अवसर पर इसे बेहद ही महत्वपूर्ण दर्जा देते हैं, और प्रसाद के रूप में बांटते हैं।


धार्मिक महत्व


अब क्योंकि भगवान श्री राम को पन्नाकम (Pannakam) बेहद ही पसंद था इसलिए हिंदू धर्म में इस पेय पदार्थ से धार्मिक महत्व भी जुड़ गया है। रामनवमी के अवसर पर अक्सर लोगों को इस का सेवन करते देखा गया है। मंदिरों में भी पन्नाकम को प्रसाद के रूप में बांटा जाता है और भगवान श्री राम को इसका भोग लगाया जाता है।

पन्नाकाम का सेवन करने से शरीर ठंडा रहता है [Pixabay]
पन्नाकाम का सेवन करने से शरीर ठंडा रहता है [Pixabay]

शारीरिक महत्व


पन्नाकम (Pannakam) का केवल धार्मिक और पारंपरिक महत्व ही नहीं है बल्कि शारीरिक महत्व भी है। पन्नाकाम (Pannakam) का सेवन करने से शरीर ठंडा रहता है, इसमें उपयोग की जाने वाली सामग्रियां शरीर की इम्युनिटी को बढ़ाने में भी मदद करती हैं। इसमें गुड का इस्तेमाल किया जाता है जो शरीर को काफी ठंडा रखता है और गर्मी के दिनों में जलयोजित रखता है। इस पेय पदार्थ में पाए जाने वाली अदरक और इलायची शरीर की पाचन शक्ति को मजबूत करती है। वही काली मिर्च और तुलसी शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करती है।


कैसे बनाया जाता है पन्नाकम?


पन्नाकम (Pannakam) बनाना बेहद ही आसान है सबसे पहले पानी में ताजा गुड को तब तक मिला लें जब तक कि वह पानी में घुल नहीं जाता। अब चुकी गुड का इस पेय पदार्थ में सबसे महत्वपूर्ण रोल है इसलिए गुड अनरिफांइड होनी चाहिए। पानी में गुड मिलने के बाद इसमें सूखे अदरक, काली मिर्च, इलायची और तुलसी को अच्छी तरह से मिला ले। अंत में नमक और नींबू का रस डालकर इसे छान ले। पन्नाकाम (Pannakam) तैयार है इसे घर के बुजुर्गों और बच्चों को जरूर पिलाएं जिससे उनकी शारीरिक शक्ति काफी मजबूत होगी। Rh/SP

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