हिंदू धर्म में कई ऐसे पौधे होते हैं जो धर्म के हिसाब से काफी मान्यता रखते हैं। जैसे धतूरे के फूल को भगवान शिव का सबसे प्रिय माना जाता है। इस प्रकार कनेर के फूल का महत्व भी हिंदू धर्म में बहुत अधिक है। आपको बता दें कि कनेर के पौधे का हिंदू धर्म और वास्तु शास्त्र दोनों में महत्व है। यह फूल बहुत ही सुंदर होते हैं और तीन प्रकार के पाए जाते हैं। एक सफेद कनेर, दूसरी लाल कनेर और तीसरी पीले कनेर। तीनों ही घर की सुंदरता भी बढ़ाते हैं और वास्तु शास्त्र के हिसाब से काफी महत्वपूर्ण स्थान भी रखते हैं। तो चलिए पूरे विस्तार से आपको कनेर के फूल से जुड़ी यह खबर देते हैं।
ऐसा कहा जाता है कि कनेर के पौधे को घर में रखने से लक्ष्मी मां की कृपा भी बनी रहती है। देवी लक्ष्मी को सफेद कनेर के फूल चढ़ाए जाते हैं। सफेद फूलों वाले कनेर के पेड़ मां लक्ष्मी को बहुत अधिक प्रिय है।
तो वही कनेर के पीले रंग के फूल भगवान विष्णु को प्रिय है। पीले फूलों वाले कनेर के पेड़ पर साक्षात विष्णु भगवान बसते हैं। हिंदू धर्म के अनुसार इसे घर में लगाने से धन समृद्धि बढ़ती है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार कनेर का पौधा सकारात्मक ऊर्जा का निर्माण करता है, व इसे शुभ माना गया है। कनेर का पौधा मन को शांत रखता है और वातावरण में सकारात्मकता लाता है। इस पौधे को उचित नक्षत्र और वार को घर के आंगन में लगाना चाहिए। कनेर का पौधा गार्डन की सुंदरता भी बढ़ता है और धार्मिक और वास्तु शास्त्र के हिसाब से भी काफी महत्वपूर्ण है। सफेद कनेर के फूलों को मां लक्ष्मी जी की पूजा के लिए रखा जाता है। तो माता प्रसन्न होकर जातक के घर ठहर जाती हैं।
ऐसा कहा जाता है कि जिस तरह कनेर का पेड़ पूरे साल फूलों से भरा रहता है उसी प्रकार घर में इस पौधे को लगाए जाने से पूरे साल घर में धान का आगमन भी रहता है। कनेर के पीले फूलों से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और ऐसी मान्यता है कि भगवान विष्णु को पीलिया कनेर का फूल चढ़ाने से पारिवारिक खुशहाली भी बनी रहती है।
कनेर की पत्तियां फूल और छाल के कई औषधीय गुण होते हैं इसके प्रयोग से घाव भर जाते हैं, साथ ही यह पौधा व फुल सर दर्द, दांत पीड़ा और फोड़े फुंसियों में भी बहुत फायदेमंद होता है। यानी की धार्मिक वास्तु शास्त्रीय व आयुर्वेद तीनों दृष्टिकोण से कनेर के पौधे अत्यंत लाभ दायक होते हैं।